
आंदोलन महाराष्ट्र से शुरू हुआ था
कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर आंदोलन महाराष्ट्र में 1 जून से शुरू हुआ था। वहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश के किसानों ने भी कर्ज माफी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन शुरू किया। शनिवार को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया। अब मंदसौर और राज्य के बाकी हिस्सों में भी तनाव है।
बच्चे बिलखते रहे, लेकिन उपद्रवी बस में तोड़फोड़ करते रहे

इंदौर-भोपाल हाईवे पर 30 गाड़ियां जलाईं
यही नहीं, इंदौर से भोपाल के बीच हाईवे पर करीब 30 गाड़ियां में आग लगा दी गई। कई टोल बूथ पर तोड़फाेड़ की गई। हिंसा के बाद कई ट्रेवल कंपनियों ने इंदौर-भोपाल के बीच बस सर्विस बंद कर दी। देवास के पास गाड़ियों में लगी आग बुझाने पहुंची फायर बिग्रेड की गाड़ी को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया।
नेवरी फाटा पर 3 वॉल्वो बसें जलाईं, देवास में 2 ट्रेनें रोकीं

मध्य प्रदेश में 19 साल बाद इस तरह का आंदोलन
इससे पहले मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 1998 में किसानों ने इस तरह का आंदोलन किया था। 12 जनवरी 1998 को प्रदर्शन के दौरान 18 लोगों की मौत हुई थी। दरअसल, मुलताई में उस वक्त किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन हुआ था। किसान बाढ़ से हुई फसलों की बर्बादी के लिए 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे और कर्ज माफी की मांग कर रहे थे। उस वक्त राज्य में कांग्रेस सरकार थी।