
लू कांग ने फोटो दिखाते हुए कहा, "इलाके में गैरकानूनी तरीके से हस्तक्षेप होने के बाद हमने नई दिल्ली और बीजिंग दोनों जगह भारतीय पक्ष से गंभीर एतराज जताया है। कांग ने यह भी कहा कि इस फोटो को बाद में फॉरेन मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर भी शेयर किया जाएगा। उन्होंने कहा, "डिप्लोमैटिक चैनल के जरिये बातचीत में कोई दिक्कत नहीं है। हम भारत से यह अपील करते हैं कि वह सीमा से अपनी सेना को तुरंत बुला ले। मसले को हल करने के लिए बातचीत की यह एक पूर्व शर्त है।
भूटान के आरोप को खारिज किया
दरअसल, चीन सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग इलाके में सड़क बना रहा है। इस इलाके का एक हिस्सा भूटान के पास भी है। चीन का भारत के अलावा भूटान से भी इस इलाके को लेकर विवाद है। चीन-भूटान के बीच इस पर 24 बार बातचीत हो चुकी है। इस बीच, चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन कर्नल वू कियान ने भूटान के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के सैनिकों ने डोंगलांग इलाके में उसके क्षेत्र का अतिक्रमण किया। कियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हमारे सैनिक अपने क्षेत्र में ही थे।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी गलत हरकतों से बाज आए। PLA के स्पोक्पर्सन ने भी भारतीय सैनिकों पर डोंगलांग इलाके में घुसपैठ का आरोप लगाया और कहा, "भारतीय सैनिकों ने नॉर्मल एक्टीविटीज को रोकने की कोशिश की, चीनी सैनिकों ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता (sovereignty और territorial integrity) को ध्यान में रखते हुए इसका सही तरीके से जवाब दिया।
क्या है विवाद?
भारत और चीन के बीच विवादित इलाका 4000 किलोमीटर का है। लेकिन चीन का कहना है कि सीमा विवाद वाला क्षेत्र महज 2000 किलोमीटर का है। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में से अक्साई चीन को चीन के ही सुपुर्द कर दिया है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। चीन के साथ भारत का विवाद 64 साल पुराना है। इसका एक बड़ा कारण इंटरनेशनल बॉर्डर का क्लियर न होना है। भारत मानता आ रहा है कि चीन जानबूझकर इस विवाद का हल नहीं कर रहा है। भारत मैकमोहन लाइन को मानता है। चीन इस लाइन को अवैध मानता है।