
कंपोजिट स्कीम से ये लाभ होगा कि अधिक डॉक्यूमेंट नहीं रखने होंगे। हर महीने रिटर्न फाइल नहीं करना होगा और जीएसटी भी 1,2 और 5 प्रतिशत यानी अलग-अलग दरों के अनुरूप लगेगा। लेकिन यदि आप प्रदेश के बाहर व्यापार करते हैं तो आपको कंपोजिट स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि अगर आप 25 हजार से कम का इनवॉइस (बिल में लिखना) है तो नाम एवं अन्य जानकारी देने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर 25 हजार से अधिक का इनवॉइस है तो व्यापारी की पूरी डिटेल देना होगी।
हमारे पास पुराना स्टॉक है तो उस पर भी जीएसटी लगेगा क्याः
व्यापारियों ने कार्यशाला के दौरान पूछा कि यदि जीएसटी लागू होने के बाद हमारे पास पुराना स्टॉक बचता है तो क्या उस पर भी जीएसटी लगेगा। इस सवाल के जवाब में सीए ने बताया कि मान लीजिये 1 जुलाई से जीएसटी लागू होता है तो आपको पुराने स्टॉक के लिए आपको अगले 90 दिन में प्लान-1 फॉर्म भरकर ऑनलाइन जानकारी देनी होगी। इसमें प्रोडक्ट की कैटेगरी बतानी होगी। इसके बाद 40 से 60 प्रतिशत तक क्रेडिट सरकार देगी। इसमें भी एक शर्त है आपका स्टॉक 1 वर्ष से अधिक पुराना न हो, साथ ही स्टॉक को 6 माह के भीतर खत्म करना होगा।
टर्नओवर के अलावा दूसरी कमाई हो तो
एक व्यापारी ने पूछा कि मेरा सालाना टर्नओवर 19 लाख रुपए है। 2 लाख रुपए की इनकम मुझे किसी सर्विस प्रदान करने से है, क्या जीएसटी लगेगा। इस पर वाणिज्यकर विभाग के सहायक आयुक्त भालेराव ने बताया कि आपकी कुल इनकम 20 लाख से 1 लाख अधिक हो रही है। यानी आपको 1 लाख रुपए पर जीएसटी देना होगा।
कपड़े को जीएसटी मुक्त किया जाएः
कार्यशाला के दौरान व्यापारियों ने मांग की कि कपड़े को जीएसटी से मुक्त रखा जाए। व्यापारियों की इस मांग को चेम्बर ऑफ कॉमर्स वित्त मंत्रालय को भेजेगा। यहां मौजूद वाणिज्यकर अधिकारियों ने व्यापारियों से कहा कि हम आपकी मांगों को अपने मुख्यालय में प्रमुखता से रखेंगे। हम आपके साथ हैं।