
वैज्ञानिक सलाहकार वेन लोंबार्ड के मार्गदर्शन में टीम ने कड़ी ट्रेनिंग की जिसमें ध्यान गति में सुधार करने और बेहतर फिटनेस हासिल करने पर दिया गया. कप्तान रानी ने कहा, ”हम दिन में चार सत्र में ट्रेनिंग करते थे और अधिक उंचाई पर इतनी कड़ी ट्रेनिंग आसान नहीं होती. सत्र काफी चुनौतीपूर्ण थे लेकिन लड़कियां विश्व कप में जगह बनाने को लेकर उत्सुक और उत्साहित थी.”
उन्होंने कहा, ”टीम में कुछ खलाड़ियों को छोड़कर अधिकांश ने विश्व कप में हिस्सा नहीं लिया है और इसके कारण टीम प्रत्येक सत्र, प्रत्येक मैच में शत प्रतिशत देना चाहती है और मुझे अच्छे प्रदर्शन का यकीन है.” पूल बी में भारत अपने अभियान की शुरआत आठ जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करेगा. टीम को इससे पहले इंग्लैंड और आयरलैंड के खिलाफ क्रमश: तीन और पांच जुलाई को दो अभ्यास मैच खेलने हैं