भोपाल। वर्ष 2016 की हज यात्रा के मुकाबले इस वर्ष मुक़द्दस हज का सफर लगभग 21 हज़ार रुपये महंगा हो गया है। यह केंद्र सरकार की उदासीनता का नतीजा है। मध्यप्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी के चैयरमेन मुकीत खान ने हज महँगा होने के लिये केंद्र की एनडीए सरकार को दोषी करार देते हुए कहा कि सरकार हज यात्रियों के साथ सौतेला और अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रही है।
श्री खान ने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों का खामियाजा आज हज यात्रियों को अधिक रुपया खर्च कर भुगतना पड़ रहा है। इसके लिये केंद्रीय हज मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी भी ज़िम्मेदार है जब भी हज विधेयक में संशोधन की बात होती है वे खामोश हो जाते हैं। इस साल इंदौर भोपाल से जाने वाले प्रति हज यात्री से हवाई जहाज़ का किराया 62000/- वसूला जा रहा है जो एक तरह से हज यात्रियों के साथ लूट है।
श्री खान ने कहा कि हज विधेयक में संशोधन ज़रूरी है। दरअसल विधेयक में नागरिक उड्डयन विभाग एवम एयर इण्डिया को नोडल एजेंसी बनाया गया है। हज यात्रियों को सऊदी अरब ले जाने और लाने की व्यवस्था उसी के हाथ में है ऐसे में हज कमेटी मजबूर है उसके हाथ में पावर नही है। यदि हज कमेटी को अख़्तियार दे दिया जाये तो परिणाम बेहतर हो सकतें हैं। श्री खान ने दावा किया कि यदि नोडल एजेंसी हज कमेटी को बनाया जाये और अंतर्राष्ट्रीय ग्लोबल टेंडर किया जाये तो हज का किराया 30 से 40 लाख तक कम हो सकेगा जिससे हज़ारो हज यात्रियों को राहत होगी।
सोसायटी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शेख़ फैजान ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर हज यात्रियों के प्रति केंद्र सरकार और हज मंत्री संवेदनशील हैं तो हज विधेयक में संशोधन कर हज कमेटी को नोडल एजेंसी बनाकर उसे स्वयं निर्णय लेने के अधिकार प्रदान किये जाएँ।