नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम को अब नए कोच की तलाश है। अनिल कुंबले ने विराट कोहली से मतभेद के चलते रिजाइन कर दिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें विंडिज दौरे के लिए 9 जुलाई 2017 तक कार्यकाल बढ़ाया था, लेकिन उन्होंने विंडीज जाना उचित नहीं समझा। बड़ा विवाद होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। अब सवाल यह है कि भारत का नया हेडकोच कौन होगा। दोवदारों में सिर्फ 5 नाम सामने आए हैं। बीसीसीआई ने हेड कोच के लिए 26 मई तक आवेदन की तारीख रखी थी, जिसमें वीरेंद्र सहवाग, लालचंद राजपूत, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस और डोडा गणेश ने अप्लाई किया। आइए जानते हैं किस उम्मीदवार में कितना दम है:
1. वीरेंद्र सहवाग: कोचिंग का अनुभव नहीं लेकिन....
भारतीय टीम के विस्फोटक और ओपनर बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग काफी अनुभवी खिलाड़ी रहे हैं। बता दें कि सहवाग ने 2 लाइन का एप्लीकेशन लेटर सबमिट किया था, जिसे बीसीसीआई ने रिजेक्ट कर दिया था। फिलहाल उनका व्यवहार थोड़ा मस्ती-मजाक वाला रहता है तो उम्मीद है टीम के साथ सामंजस्य बैठाने में सफल हो सकते हैं। सहवाग को कोचिंग का कोई पूर्व अनुभव नहीं है हालांकि वह किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल टीम के मेंटर रहे हैं। भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में रहे सहवाग 104 टेस्ट और 251 वनडे में क्रमश: 8586 और 8273 रन बना चुके हैं।
2. टॉम मूडी: किस्मत कनेक्शन का इंतजार
ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी पिछले कई सालों से भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं। उनका टीम मेंबर के साथ स्वभाव काफी शांत माना जाता है, लेकिन हेड कोच के लिए हर बार इस रेस में पीछे रह जाते हैं। टॉम का व्यवहार टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन से मिलता-जुलता है। पहली बार टॉम ने 2005 में आवेदन किया था तो उस वक्त आस्ट्रेलिया के ही कोच ग्रेग चैपल को यह पद सौंपा गया था। दूसरी बार 2016 में जब अप्लाई किया तो अनिल कुंबले को अधिक वरीयता दी गई। बीसीसीआई की चयन समिति उनके कार्य-प्रणाली से काफी प्रभावित हुई थी। मूडी ने बतौर कोच श्रीलंका क्रिकेट टीम को 2007 के वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंचाया और वहीं आईपीएल में हैदराबाद सनराइज़र्स के कोच रहते हुए 2016 में खिताब भी दिलवाया है।
3. लालचंद राजपूत: टी-20 वर्ल्ड कप जिता चुके हैं
लालचंद राजपूत न सिर्फ भारत के पूर्व क्रिकेटर रहे हैं बल्कि पहले भी भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर भी रह चुके हैं। सलामी बल्लेबाज के तौर पर वे टीम में अपना योगदान देने के कारण मशहूर हुए थे। उनके मैनेजर रहते एमएस धोनी के नेतृत्व में साल 2007 का पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। राजपूत इंडिया अंडर-19 और इंडिया-ए को भी कोचिंग दे चुके हैं।
4. रिचर्ड पाइबस: पाकिस्तान के बाद भारत पर नजर
इंग्लैंड में पैदा हुए रिचर्ड पाइबस पाकिस्तान और बांग्लादेश के कोच रह चुके हैं। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के डायरेक्टर के तौर पर उनका कार्यकाल जनवरी 2017 में खत्म हुआ। उनको आला दर्जे का रणनीतिकार माना जाता है। उनकी कोचिंग में पाकिस्तान 1999 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी।
5. डोड्डा गणेश: 4 साल का कोचिंग अनुभव
डोड्डा गणेश भारत की ओर से 4 टेस्ट और एक वनडे खेल चुके हैं। उनके पास साल 2012 से 2016 तक गोवा क्रिकेट टीम को कोचिंग देने का अनुभव है। पिछले दिनों सचिन ने उनके बारे में एक प्रसंग सुनाया था। उन्होंने कहा कि डोड्डा गणेश नाम के एक खिलाड़ी खेला करते थे, मजे की बात यह थी कि उन्हें हिंदी बोलना आती थी और न ही अंग्रेजी, ऐसी में जब भी सचिन, गणेश से कोई बात कहते तो गणेश का जवाब होता ओके सर. एक दिन सचिन ने गुस्से में गणेश से कहा कि भाई मुझे सर मत कहा करो. सचिन ने उस समय अपना माथा पकड़ लिया जब गणेश उनकी इस बात के जवाब में भी कहा, “ओके सर”.