नई दिल्ली। खुफिया ऐजेंसियों ने भारत सरकार को रिपोर्ट दी है कि उसके 50 लाख कर्मचारी कभी भी भड़क सकते हैं। वो बड़े रैली प्रदर्शन या कामबंद हड़ताल तक कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हो जाएंगी। दरअसल, देश के 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी की घोषणा का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस हफ्ते कर्मचारियों के भत्तों को लेकर कैबिनेट की बैठक भी होने वाली थी, लेकिन यह किन्ही कारणों से टलती जा रही है। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सरकार को सलाह दी है कि वह 7वें वेतन आयोग में भत्तों पर जल्दी से अपनी स्थिति साफ करे।
खुफिया ऐजेंसी आईबी सरकार को दिए अपने इनपुट में कहा है कि 7वें वेतन आयोग के बाद भत्तों में बढ़ोतरी से जुड़े फैसले में ज्यादा देर न की जाए। इस मुद्दे को लेकर सरकारी कर्मचारियों में रोष और निराशा है। सूत्रों के मुताबिक, आईबी ने यहां तक कहा है कि अगर और देर की यह मामला हाथ से निकल भी सकता है। खबर है कि केंद्र ने आईबी के इनपुट को गंभीरता से लिया है और इस महीने के अंत तक इस मुद्दे को सुलझाने की बात कही है।
25 के बाद मिल सकती है गुड न्यूज
सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में कोई भी गुड न्यूज अब 25 जून के बाद ही मिलेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली 24 जून तक देश से बाहर रहेंगे। ऐसे में कैबिनेट ने इस बारे में कोई एजेंडा सेट नहीं किया है। वह 20 जून को चार दिवसीय यात्रा पर रूस जाने वाले हैं। इससे पहले 19 जून को इस संबंध में चर्चा होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसकी संभावना न के बराबर है। वैसे भी जेटली इन दिनों राष्ट्रपति चुनावों में व्यस्त हैं। ऐसे में कैबिनेट का एजेंडा अगले हफ्ते ही तय हो पाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों के एचआरए और अन्य भत्तों के बारे में इस महीने के अंत तक ही कोई फैसला हो सकेगा। सरकार भी यही चाहती है कि जून के अंत तक ही इस संबंध में कोई फैसला लिया जाए।
क्या है पूरा मामला
केंद्रीय कर्मचारियों को करीब एक साल से अन्य अलाउंसेस के अलावा एचआरए के मुद्दे पर सरकार के फैसले का इंतजार है। पिछले साल 28 जून को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया था। 1 जनवरी 2016 से लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन वेतन आयोग की कई सिफारिशों पर केंद्रीय कर्मचारियों ने आपत्ति जताई थी। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग को देखते हुए सरकार ने एक लवासा समिति का गठन किया था, जिसने 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट वित्तमंत्री को सौंप दी थी। 7वें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारी के 196 किस्म के अलाउंस घटाकर 55 कर दिए थे। इस बात को लेकर भी कर्मचारी यूनियनें नाराज चल रही हैं।