
प्रेस को जारी अपने बयान में गोपालदास मिश्रा ने कहा है कि मेरी फर्म मेसर्स श्रीजी इलेक्ट्रीकल्स, इतवारा रोड, भोपाल पर स्थित है। मैं लोक निर्माण विभाग, भोपाल में ‘ए’ श्रेणी में रजिस्टर्ड हूँ। संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, भोपाल संभाग भोपाल द्वारा मुझको इलेक्ट्रिकल एवं साउण्ड कार्य हेतु आदेश क्रमांक 2502 माह जुलाई 2017, विभाग द्वारा समय-समय पर निम्न दरों पर कार्य करने के लिये दरों की स्वीकृति दी गई है। जिसके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल द्वारा मुझे कार्य करने के लिये निर्देशित करते हैं एवं संबंधित कार्य को सम्पादित करता हूँ।
नियम विरुद्ध काम दे दिया
उन्होंने बताया कि तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस जून 2017 को लाल परेड ग्राउण्ड में सम्पादित हुआ है। जो कि ‘‘मेसर्स भोपाल ग्लास एण्ड टेन्ट हाउस भोपाल’’ द्वारा बिना किसी शिक्षा अधिकारी के कार्य आदेश के बिना कार्य किया गया है। मैंने जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल को लाईट एवं साउण्ड के कार्य के लिये कहा तो उन्होंने कार्य के लिये ‘‘कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (विद्युत एवं यांत्रिकी) संभाग क्रमांक-1 भोपाल को पत्र क्रमांक/ अ.दि./।।।/2017/5531 भोपाल दिनांक 19.06.2017 को दिया। कार्यपालन यंत्री ने मुझे संबंधित कार्य हेतु वर्क आर्डर नहीं दिया एवं लाल परेड ग्राउण्ड पर ‘‘भोपाल ग्लास एण्ड टेन्ट हाउस भोपाल’’ बिना किसी आदेश के टेन्ट एवं इलेक्टीकल एवं साउण्ड का कार्य अनाधिकृत तरीके से कर रहा है। इस प्रकार मेरी दरें निम्न दरें होने पर भी मुझसे कार्य नहीं कराया गया।
निर्धारित दरों से 60 लाख ज्यादा मंजूर कर लिए
विगत वर्ष 2016 में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 में मेरी दरें जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल के यहां टेन्ट, लाईट एवं साउण्ड इत्यादि कार्य के लिये स्वीकृत थी। जिन दरों पर समय-समय पर विभाग द्वारा बताये गये कार्य किये गये। किंतु अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 एवं मेधावी पुरस्कार वितरण समारोह 2016 जो कि लाल परेड ग्राउण्ड पर हुआ था उसकी जानकारी मुझे विभाग द्वारा नहीं दी गई। यह कार्य ‘‘मेसर्स भोपाल ग्लास एण्ड टेन्ट हाउस भोपाल’’ द्वारा किया गया। इस कार्य का भुगतान लगभग 75,00,000/- रुपये किया गया है। यह कार्य मेरी फर्म मेसर्स श्रीजी इलेक्ट्रीकल द्वारा किया जाता तो लगभग 15,00,000/- में होता। इससे शिक्षा विभाग को लगभग रुपये 60,00,000/- का अधिक भुगतान करना पड़ा। ठेकेदार को लगभग 60,00,000/- रूपये की राशि ठेकेदार से वसूली जानी चाहिये।