नई दिल्ली। अब लगभग तय हो गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल इस महीने सातवें वेतन आयोग से संबंधित औपचारिकताओं को पूरा कर लेगा। सूत्रों के अनुसार 28 जून को होने वाली बैठक में संशोधित भत्ते और एचआरए जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। सवाल यह है कि क्या कैबिनेट 27 फीसदी या 30 फीसदी एचआरए में बढ़ोतरी के साथ आगे बढ़ेगी? बता दें कि सरकार 27 फीसदी एचआरए की वृद्धि के पक्ष में है, जबकि कर्मचारियों की मांग 30 फीसदी है।
सूत्रों ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच चर्चा के दौरान, एचआरए के मुद्दे पर सबसे अधिक चर्चा हुई। वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में समिति ने सुझाव दिया था कि एचआरए 25 से 27 प्रतिशत होगा। कर्मचारियों ने 30 प्रतिशत एचआरए की मांग की थी। मंत्रिमंडल इसे करीब 27 फीसदी तक कर सकती है।
हम समझौता नहीं करेंगे: कर्मचारी संगठन
कर्मचारियों ने कहा है कि वे चाहते हैं कि एचआरए 30, 20 और 10 प्रतिशत की दर से दिया जाए। कर्मचारी संघों ने कहा है कि वे इससे कम के लिए समझौता नहीं करेंगे यहां तक कि अगर मंत्रिमंडल 27 फीसदी एचआरए को मंजूरी देता है, तो कर्मचारियों की वृद्धि की मांग जारी रहेगी। संघ के नेताओं ने कहा है कि भले ही मंत्रिमंडल ने 27 फीसदी एचआरए को मंजूरी दे, वे और अधिक मांग करते रहेंगे।
हम फैसला नहीं बदलेंगे: सरकार
हालांकि, एचआरए में वृद्धि केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को प्रभावित नहीं कर सकती है, जो एक साल से अधिक समय से अच्छी खबर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, संशोधित भत्तों के विषय में लोगों को थोड़ी सांत्वना मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल संशोधित भत्ते भी स्पष्ट कर देगा जो 18 जुलाई 2017 से प्रभावी होगा। इस फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा।
कर्मचारियों को गुड न्यूज मिलेगी: कैबिनेट सचिव
कई सरकारी कर्मचारियों ने कहा है कि उन्हें सरकार पर यकीन नहीं है। एक कर्मचारी ने कहा कि हम हर रोज रिपोर्ट पढ़ते हैं और कभी-कभी हमें लगता है कि यह केवल आश्वासन है। कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारी परेशानियों का ध्यान रखा जाएगा और अच्छी खबर मिलेगी। वहीं कैबिनेट सचिव ने कहा है कि 7 वें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों के लिए बहुत अच्छी खबर होगी और उन्हें आशा नहीं खोनी चाहिए।