भोपाल। आज हुई कैबिनेट की मीटिंग में मध्यप्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर देने के मामले पर फिलहाल सहमति नहीं बन सकी, नतीजे में मामला डिफर हो गया। इसमें वेतनमान देने के फार्मूले पर सहमति नहीं बन सकी। सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को एक जुलाई से सातवां वेतनमान देने की घोषणा कर चुकी है। आज कैबिनेट में वेतन देने के फार्मूले पर विचार होना था।
इसमें जनवरी 2016 से जून 2017 का एरियर देने पर विचार किया जाना था। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि एरियर तीन या पांच किस्तों में नकद दिया जा सकता है लेकिन सरकार को चिंता है कि नया वेतनमान देने पर सालाना साढ़े चार हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त लगेंगे।
वेतन 2.57 के फॉर्मूले से बढ़ेगा यानी मौजूदा मूल वेतन में 2.57 का गुणा कर नया वेतन तय होगा। नए वेतन की गणना सॉफ्टवेयर से होगी। इसके लिए विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार कराया है। सूत्रों के मुताबिक सातवां वेतनमान लागू होने पर अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन में औसत 14 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इससे कर्मचारियों को न्यूनतम 3500 से लेकर 26 हजार रुपए तक का फायदा प्रतिमाह होगा। मौजूदा भत्ते ही कर्मचारियों को मिलेंगे। महंगाई भत्ता चार प्रतिशत से शुरू हो सकता है।