भोपाल। हिंसक हुए किसान आंदोलन के बाद मप्र की शिवराज सिंह सरकार को 14 जिलों के वेयर हाउस में रखी करीब 1500 करोड़ की विदेशी शराब की चिंता सताने लगी है। पिछले दिनों प्रदेश के विभिन्न इलाकों में महिलाओं ने शराब की दुकानों में तोड़फोड़ करके शराब नालियों में बहा दी थी। सरकार को डर है कि कहीं यह आंदोलन, किसान आंदोलन जैसा उग्र हो गया तो वेयरहाउस में रखी महंगी विदेशी शराब बर्बाद हो जाएगी। अत: सरकार शराब का बीमा कराने जा जा रही है।
प्रदेश के वेयर हाउस में रखी शराब के लिए शिवराज सिंह सरकार ने बीमा क्षेत्र में काम रही रही एजेंसियों से बीमा की दरें आमंत्रित की हैं। इच्छुक एजेंसियों से 21 जून तक दरें मांगी गई हैं। इस आशय की जो सूचना निकाली गई है, उसमें बताया गया है कि प्रदेश में ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर, उज्जैन, होशंगाबाद, शिवपुरी, खरगोन, सिवनी, छतरपुर, रतलाम, शहडोल आदि जिलों में सरकारी नियंत्रण में विदेशी शराब के वेयर हाउस संचालित हैं। इनमें अलग-अलग ब्रांड की विदेशी शराब का भंडारण होता है। जहां से शराब ठेकेदारों को शराब की सप्लाई की जाती है। सहायक आबकारी आयुक्त अजय शर्मा के अनुसार आग लगने, भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदा की वजह से वेयर हाउस को होने वाले नुकसान की भरपाई से सरकार को बचाने के उद्देश्य से यह बीमा कराया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 14 जिलों के वेयर हाउसों में 1200 से 1300 करोड़ रुपए की शराब रखी होती है। इस कीमत के हिसाब से ही शराब का बीमा कराया जाएगा। जो भी बीमा एजेंसी शराब का बीमा करने की अच्छुक हैं, वे अपनी दरें आबकारी आयुक्त कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद आयुक्त द्वारा गठित कमेटी द्वारा दरें का परीक्षण कर बीमा एजेंसी तय की जाएगी।