जयपुर। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव (सीएस) ओपी मीना के एक आदेश के बाद राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. इस आदेश में ऐसे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की स्क्रीनिंग (छंटनी) करने और हटाने की बात कही गई है जिनका काम संतोषजनक नहीं है. सीएस मीना का यह आदेश सरकार के सभी विभागाध्यक्षों को भेजा गया है. इस आदेश में राजस्थान सिविल सेवाएं नियम 1996 के नियम 53(1) का हवाला दिया गया है. आदेश में लिखा गया है कि ऐसे कर्मचारी और अधिकारी की स्क्रीनिक की जाए जिन्होंने 15 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु जो भी पहले हो पूर्ण कर ली है और असंतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहितार्थ आवश्यक अपयोगिता खो चुके हैं.
तीन महीने का नोटिस देकर किया जाएगा बाहर
सीएस के आदेश में कहा गया है कि स्क्रीनिंग के बाद ऐसे अधिकारी/कर्मचारी को तीन महीने का नोटिस अथवा उसके स्थान पर तीन महीने का वेतन और भत्तों का भुगतान के साथ तुरंत प्रभाव से राज्य सेवा से सेवानिवृत किया जा सकेगा.
तीन महीने में स्क्रीनिंग और सेवानिवृति की कार्रवाई के आदेश
कार्मिक विभाग की ओर से जारी इस आदेश में सभी प्रशासनिक विभाग और विभाग के प्रमुखों को स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ऐसे असंतोषजनक कर्मचारी/ अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति की कार्यवाही तीन महीने के भीतर पूरी करवाकर कार्मिक विभाग को बताना होगा.