भोपाल। बिना अनुमति के किए गए निर्माण को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की धमकी देने वाले सतना नगर निगम के कमिश्नर सुरेन्द्र कथूरिया आज जब कोर्ट में जमानत के लिए पेश हुए और कोर्ट ने फटकार लगाते हुए याचिका रद्द की तो बेहोश हो गए। उन्हे कंधों पर उठाकर गाड़ी तक लाया गया, फिर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट ने उन्हे 13 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
वकील हनुमान प्रसाद शुक्ला ने बताया कि तीन दिनों की रिमांड अवधि समाप्त हो जाने के बाद शुक्रवार को रीवा की लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत एवं अनुपातहीन संपत्ति के मामले के आरोपी कथूरिया को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) देवनारायण शुक्ल की अदालत मे पेश किया था। जहां आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए अदालत ने उन्हें 13 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया। गौरतलब है कि रीवा की लोकायुक्त पुलिस ने 26 जून को सतना नगरपालिका निगम के तत्कालीन आयुक्त कथूरिया को 22 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था और तब से वे लोकायुक्त की कस्टडी में ही थे।
घर में मिले 15 लाख नगद
कथूरिया के घर से लोकायुक्त टीम को रिश्वत की रकम के अलावा 15 लाख रुपए नकद बरामद हुए थे। इसके अलावा दो प्लॉटों के दस्तावेज, बीमा के प्रमाणपत्र, एफडी सर्टिफिकेट और जेवरात भी मिले। प्लाट कथूरिया की सास मीरा देवी अग्रवाल के नाम पर मिले थे।
भ्रष्टाचार की शिकायत पर इंदौर से हटाए गए थे कथूरिया
कथूरिया फरवरी 2012 से जुलाई 2016 तक इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर रहे। इस दौरान उनके द्वारा भ्रष्टाचार की कई शिकायतें थी। कमिश्नर मनीष सिंह ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर कथूरिया का तबादला करने का अनुरोध किया था। इसके बाद राज्य शासन ने कथूरिया को जबलपुर में अपर कलेक्टर पदस्थ कर दिया था, लेकिन दस माह बाद ही उनकी पोस्टिंग सतना नगर निगम में आयुक्त के पद पर कर दी गई।