भोपाल। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी बरसते पानी में योग कर रहे थे। हर स्कूल, गांव शहर में योग प्रदर्शन किया जा रहा था। खंडवा में भी पुलिस लाइन मैदान पर मुख्य आयोजन किया गया। शिक्षा मंत्री विजय शाह मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थे परंतु उन्होंने योग नहीं किया। वो योग की किसी भी मुद्रा में बैठे तक नहीं। अपनी कुर्सी पर ही जमे रहे। हाथ में मोबाइल था और वाट्सएप में बिजी बने रहे।
जब मंच पर भाषण देने आए तो काफी आदर्श भरी बातें की। कहा कि बौद्धिक व तार्किक शक्ति के लिए योग शिक्षा बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद का कोई सानी नहीं है। बच्चों के स्वास्थ्य व बुद्धि के लिए योग जरूरी है। जब शाह से योग नहीं करने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ शारीरिक परेशानी थी, इस कारण योग नहीं कर पाया। मोबाइल चलाने के प्रश्न पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
विवादों से पुराना नाता है शाह का
हालांकि पिछले कुछ दिनों से वो काफी मर्यादित रहने की कोशिश कर रहे हैं परंतु विवाद और विजय शाह का पुराना रिश्ता है। रंगीन मिजाज शाह का शौक और उनकी बदजुबानी हमेशा संगठन और सरकार के लिए परेशानी खड़ी करते रहते हैं। कभी संस्कृति के नाम पर बेड़नियों के नाच, कभी संत की समाधि पर अधनंगी विदेशी बालाओं के डांस, कभी मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह को लेकर अभद्र द्विअर्थी टिप्पणी तो कभी सांप डसने के कारण चर्चा में बने रहते हैं। इस कारण उन्हें एक बार अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी। हालांकि जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बिठाने के चक्कर में उन्हें फिर से मंत्री बना दिया गया है।