इंदौर। मध्यप्रदेश का नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिला जिस्मफरोशी का हब बनता जा रहा है। मंदसौर-नीमच फोरलेन रोड के किनारे बने घरों देह व्यापार खुलेआम चल रहा है। इसके चलते यहां की महिलाएं एड्स का शिकार होती जा रहीं हैं। पिछले 2 सालों में 56 महिलाएं एड्स के कारण मर गईं, 42 गर्भवती महिलाओं एवं 61 मासूम बच्चों में एड्स का संक्रमण पाया गया है। बावजूद इसके यहां जिस्मफरोशी जारी है। देहव्यापार को यहां सामाजिक मान्यता प्राप्त है। सरकार अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठा पाई है जिसके चलते इन लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।
हैरानी की बात यह है कि इन तीनों जिलों के 65 गांवों के 250 डेरो पर खुलेआम देहव्यापार के अड्डे चलते हैं, लेकिन पुलिस इक्के-दुक्के मामले पकड़ पाती है। इस समाज में बेटी होने पर जश्न मनाया जाता है। सबसे ख़ास बात यह है कि ये वो समुदाय है, जिसमें लड़के वाले लड़की वालों को 12-12 लाख दहेज़ देते हैं। इसी वजह से इस समुदाय के अधिकांश लड़के कुंवारे रह जाते हैं। गौरतलब है कि मालवा के इन जिलों में रहने वाले बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी को समाजिक मान्यता प्राप्त है।