जीवकोपार्जन के लिये जातक या तो नौकरी करता है या फ़िर व्यापार। नौकरी मॆ जोखिम कम रहता है सुरक्षा भी रहती है लेकिन इसमे आपको धैर्य और जिम्मेदारी आज्ञापालन जैसी सभी परिस्थितियो का सामना करना पड़ता है वही व्यापार मॆ जहा स्वतंत्रता है वही जोखिम तथा लाभ भी है कुछ लोग नौकरी मॆ आपको सहज पाते है तो कुछ लोग अपना भविष्य व्यापार मॆ बनाते है। व्यापारी वर्ग के साथ काफी चिंता जुड़ी रहती है बदलता मौसम, बदलती सरकार तथा परिस्थितियों मॆ व्यापारी को प्रभावित होना पड़ता है ऐसे बहुत से ज्योतिष उपाय है जिससे आम व्यापारी वर्ग को विशेष सहायता मिलती है तथा वह विपरीत पारिस्थिति से लड़ने मॆ समर्थ रहता है।
*व्यापार का मुख्य ग्रह बुध होता है इस ग्रह से बुद्धि विवेक हानि लाभ दूरदर्शीता देखी जाती है व्यापार मॆ गणित हिसाब किताब का खास महत्व है अच्छा बोलचाल भी व्यापार को बढ़ाता है। इसके लिये आपको पन्ना रत्न धारण करना चाहिये। देवी शक्ति की आराधना करना चाहिये। छोटी कन्याओं को नवरात्रि के नौ दिनो मॆ भोजन करना चाहिये। कन्याओं की सेवा व्यापार वृद्धि मे सहायक होती है।
*गुरु ग्रह से व्यापार मे पूंजी को देखा जाता है आर्थिक कृपा के बिना कोई भी व्यापार का चलना मुश्किल है। इसके लिये आपको गुरुवार के दिन किसी गरीब को भोजन अवश्य करवाना चाहिये। इस दिन सात्विक आहार विहार करना चाहिये। वरिष्ठ लोगों से आशीर्वाद लेना चाहिये।
*शुक्र ग्रह को लक्ष्मी का कारक कहा गय़ा है जहा साफ सफाई रंगाई पुताई होती है वहा लक्ष्मी का वास रहता है। इसीलिए नियमित साफ सफाई रंग रोगन आपके व्यापार को नई दिशा देता है।
*शनि से व्यापार मे कार्य की गति तथा अपने सहकर्मियों का साथ देखा जाता है यह आपके व्यापार का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो आपको समाज तथा सहयोगियों से जोड़ता है जिस व्यापार मे आपके साथ कार्य करने वाले खुश रहते है वहा आपका कामकाज निश्चित रूप से बढ़ता है इसिलिये समाज तथा सहयोगियों के सुख दुख मे सक्रिय रहिये इससे आपका शनीग्रह शुभ होगा तथा आपका व्यापार दिन दूना रात चौगुना उन्नति करेगा।
*वास्तु के अनुसार ईशान कोण उत्तर पूर्व की दिशा का साफ रहना आपके लिये अत्यंत लाभकारी होता है इस दिशा का विशेष ध्यान रखीये निश्चित रूप से उन्नति होगी।
*उपरोक्त छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से आपका निश्चित रूप से बडेगा तथा सफल होगा।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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