
यह उल्लेखनीय है कि इस मामले की दण्डाधिकारी जांच भी चल रही है उसमें जो भी तथ्य सामने आयेगें उसके आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। प्रथम दृष्टया जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि पटाखा फैक्टी में 10 से अधिक श्रमिक कार्य करने के बाद भी श्रम विभाग द्वारा इसकी जांच नही की गई। जिसके कारण श्रम निरीक्षक के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
इसी तरह पटाखा फैक्टी के संचालन ने उ्घोग अधिनियम का पालन नही किया गया इसके लिये उघोग सुरक्षा उपायुक्त को दोषी माना जा रहा है। विधुत विभाग द्वारा भी पटाखा फैक्टी का बिजली कनेक्शन दिलाने में लापरवाही बरती गई है। जिसके लिये अधिकारी एवं कर्मचारी जो दोषी है। उनके खिलाफ कार्यवाही किये जाने हेतु एमडी को पत्र लिखा गया है।