
गौर शुक्रवार को अपने 86वें जन्मदिन पर 74 बंगले स्थित घर पर आए लोगों से मिलने के दौरान मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक हैं जान, वे चुनाव लड़ते रहेंगे। गौर ने आगे कहा, राम काज किए बिना मोहे कहां विश्राम, मेरे लिए जनता का ही काम राम का काज है। राजनीति में भी राम का नाम लेकर आया और उन्हीं के नाम से 40 साल से चुनाव लड़कर जीत रहा हूं। गौर ने दो टूक कहा कि पार्टी का अपना निर्णय जो भी हो, लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी विधानसभा सीट गोविंदपुरा नहीं छोड़ेंगे।
गौर ने उनकी उम्र पर उंगुली उठाए जाने पर कहा, उत्तर प्रदेश में कलराज मिश्र के लिए पार्टी का रूख अलग है। वहीं कर्नाटक में यदुरप्पा को मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव लड़वाने की घोषणा की गई है। मैं इसे पार्टी का दोहरा रूप तो नहीं बोल सकता, क्योंकि वह उसका अपना निर्णय है लेकिन मैं अपना निर्णय ले चुका हूं कि जनता रूपी राम काज के लिए में जीवन भर चुनाव लडूंगा। पार्टी ने सरताज सिंह की आड़ लेकर मुझे उम्रदराज कर दिया, लेकिन आज में उसी जोरशोर से जन्म दिन मना रहा हूं, जितनी जोर शोर से राजनीति में आते वक्त मनाया करता था।
गौर ने कहा कि में जनता के बीच का और जमीन से जुड़ा व्यक्ति हूं। त्याग और तपस्या के माध्यम से राजनीति करता हूं। यह बात आजकल किसी नेता में नहीं है। जन्म दिन के मौके गीत-संगीत, भजन और कार्यकर्ताओं के लिए भोजन का कार्यक्रम रखा गया है। यह कार्यकर्ता शुरू से मेरी ताकत रहे हैं और आगे भी यह सब मेरे साथ चलने वालो में से हैं। दूसरों की तरह मेरी सोच छोटी नहीं है कि लाभ के लिए राजनीति में आया।