
अरुणाचल में एक भी बूचड़खाना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पशु वध के हमारे पारंपरिक अभ्यास को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया है।' अरुणाचल में गाय नहीं बल्कि इससे मिलती जुलती 'मिथुन' नामक पशु की बलि दी जाती है। इस मिथुन का सेवन पड़ोसी राज्य नागालैंड में भी किया जाता है। वहीं मेघालय तथा मिजोरम में गोमांस को वरीयता दी जाती है।
बीजेपी नेता ने कहा कि विपक्ष के आरोपों के उलट केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से जानवरों के वध पर कोई भी निर्देश नहीं दिया है। अगर कांग्रेस की सरकार भी केंद्र में रहती तो वह भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को मानने को बाध्य ही रहती। यह मामला पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने डेयरी फार्मिंग के लिए जानवरों के ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।'