
भारत पेट्रोलियम कोरपोरेशन द्वारा तेज प्रताप को भेजे गए नोटिस के क्लॉस 7 का हवाला देते हुए लिखा गया है- "डीलरशिप के लिए उसी आवेदनकर्ता का चयन किया जाता है तो डीलरशिप से जुड़े हुए दिन प्रतिदिन के काम का ध्यान रख सके और उन्हें संभाल सके। वह किसी रोजगार के पात्र नहीं होंगे। अगर पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए चयनित शख्स के पास पहले से रोजगार है तो उसे डीलर के रूप में नियुक्ति से पहले रोजगार से इस्तीफा देना होगा। इस लिहाज से पेट्रोल पंप की डीलरशिप रखने के लिए तेज प्रताप को मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
सवाल यह है कि क्लॉस 7 तो सभी पंप संचालकों पर लागू होता है। अत: वो सभी पंप संचालक जिनके पास रोजगार का कोई दूसरा साधन मौजूद है। यदि वो जनप्रतिनिधि हैं एवं शासन से वेतन भत्ते प्राप्त कर रहे हैं। यदि वो मंत्री, सांसद, विधायक या दूसरे किसी भी प्रकार के जनप्रतिनिधि या व्यापारी हैं तो उनका पेट्रोल पंप लाइसेंस अवैध है। उसे निरस्त किया जाना चाहिए। अब देखना यह है कि क्या बीपीसीएल का क्लॉस 7 वाला नोटिस केवल तेज प्रताप तक सीमित रहेगा या पूरे देश में इसकी छानबीन की जाएगी।