नई दिल्ली। सड़कों पर बढ़ती कारों की संख्या को कम करने और यात्रियों को सस्ता यातायात विकल्प सुझाने के लिए सरकार मोटरसाइकिल का भी कॉमर्शियल लाइसेंस जारी करने जा रही है। ताकि मोटरसाइकिल का इस्तेमाल टैक्सी की तरह बाइक टैक्सी (बैक्सी) के रूप में हो सके। इससे जहां एक तरफ लोगों को रोजगार मिल सकेगा, वहीं दूसरी तरफ लोग कम पैसे में और कम समय में अधिक ट्रैफिक की स्थिति में भी अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सकेंगे।
हालांकि, बैक्सी नया कॉन्सेप्ट नहीं है। वियतनाम और थाइलैंड में यह काफी सफल है। भारत में भी यह राजस्थान, गोवा, गुजरात, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में शुरू हो चुका है लेकिन अभी लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो सका है। उधर, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में अब बैक्सी की योजना अंतिम चरण में है। राज्य परिवहन प्राधिकार के सचिव, राजीव तिवारी ने एचटी मीडिया को बताया कि विभाग बैक्सी से संबंधित नीति निर्धारण पर काम हो रहा है और इसमें एक महीने से ज्यादा का वक्त नहीं लगेगा।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अभी हाल ही में इस योजना को अपनी सहमति दी है। वहां सरकार ने इसे ‘अपनी गड्डी, अपना रोजगार’ योजना के तहत बैक्सी संचालन को मंजूरी दी है। चंडीगढ़ के लोगों में भी बैक्सी संचालन को लेकर उत्साह है। कुछ लोग इसे सस्ता साधन बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे सुरक्षित बता रहे हैं। चूंकि चंडीगढ़ छोटा शहर है और वहां गाड़ियों की भीड़ ज्यादा है, इसलिए माना जा रहा है कि बैक्सी वहां सफल हो सकती है। बैक्सी के ऑपरेटर भी सरकार से परमिट और लाइसेंस मिलने के इंतजार में हैं। बैक्सी ऑपरेटरों की योजना ओला, उबर कैब संचालकों से गठजोड़ करने की भी है। ताकि वहां से बिजनेस लीड जेनरेट किया जा सके।
चंडीगढ़ के युवाओं के बीच भी इस प्रस्तावित बैक्सी को लेकर उत्साह है। कुछ युवतियों ने इसे कार टैक्सी के मुकाबले अधिक सुरक्षित बताया है क्योंकि यह खुला होता है जबकि कार बंद होती है। कुछ युवकों ने इसे कम समय और कम पैसे में रोज-रोज का सफर पूरा कराने में कारगर बताया है। कुछ ने कहा कि ट्रैफिक अधिक होने पर भी बाइक टैक्सी जल्द से जल्द लोगों को गंतव्य तक पहुंचा सकता है।