
पत्रकार रश्मि प्रजापति एवं अनिल दीक्षित से अपनी पर्सनल एवं प्रोफेशनल लाइफ शेयर करते हुए मधुश्री ने बताया कि मैं हमेशा से दुर्गा पूजा करती रही हूं। यूं ही एक दिन कृष्ण की एक मूर्ति मार्केट में मिल गई, तो मुझे इतनी पसंद आई कि जैसे मुझे उससे प्यार हो गया हो। मैं इसे घर ले आई। उस वक्त कुछ बड़ी प्रॉब्लम मुझ पर आई, तो मैंने सोचा सारे देवी-देवता तो एक ही होते हैं। कान्हा, अब सबकुछ तुम पर ही है, तुम संभालो। यह सचमुच जादू था मेरे लिए। उसी दिन शाम को बाहुबली के लिए सिंगिंग का ऑफर आया। अगले दिन मैं वहां पहुंची, तो जो गाना मिला वह भी कृष्ण भजन निकला। यह सचमुच ईश्वर की मर्जी थी जो मुझे बॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्म का सबसे हिट सॉन्ग गाने को मिला।
मां की क्रिएटिविटी ने मुझे अलग पहचान दी
मेरे पेरेंट्स खासकर पापा हमेशा से यह चाहते थे कि मैं सिंगिंग में अपनी अलग पहचान बनाऊं। मैं बचपन में लता जी के गाने खूब गाती थी, लेकिन मेरी मां ने कभी नहीं चाहा कि मैं किसी सिंगर को कॉपी करूं। इसीलिए, वो मुझे बॉलीवुड के मेल सिंगर्स के ही गाने सुनने देती थी, ताकि मैं उन्हें कॉपी न कर पाऊं। आज जब लोग बोलते हैं, मेरी आवाज वे पहचान लेते हैं, तो मैं बचपन की उस सीख और माता-पिता के क्रिएटिव तरीके को धन्यवाद देती हूं।