नई दिल्ली। अमेरिका की एक संस्था द्वारा किए गए अध्यययन के अनुसार ब्लड प्रेशर नापने वाली डिजिटल मशीनें गलत जानकारियां दे रहीं हैं। बाजार में मौजूद मशीनों में से 70 प्रतिशत मशीनें सही आंकड़े नहीं देतीं। कंपनियों ने केवल पैसा बनाने के लिए ऐसी मशीनें बाजार में उतार दीं हैं। सरकार की ओर से भी इस तरह की कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि इस तरह की मशीनों के कारण मरीज भ्रम का शिकार हो रहे हैं और गलत दवाओं का सेवन कर रहे हैं जो उनकी मौत का कारण बन रहीं हैं।
American Journal of Hypertension की स्टडी के मुताबिक घरों में इस्तेमाल की जाने वाली ज़्यादातर Digital ब्लड प्रेशर मशीनें गलत Reading दे रही हैं। रिसर्च करने वाली टीम ने घरों में इस्तेमाल होने वाले ब्लड प्रेशर Monitors का एक टेस्ट किया। इस टेस्ट में 70 प्रतिशत Sample फेल हो गए। फेल होने वाले BP Monitors में ब्लड प्रेशर के Level में 5 से 10 Points की गड़बड़ी पाई गई।
दुनिया में High ब्लड प्रेशर के शिकार ज़्यादातर लोग, अपने घर पर ही ब्लड प्रेशर नापते हैं और घरेलू मशीन में जो Reading आती है लोग उस पर भरोसा भी कर लेते हैं। ब्लड प्रेशर Level देखकर अक्सर लोग Blood pressure की दवा की Dose में बदलाव कर लेते हैं जो बेहद ख़तरनाक है।
हमारे देश में बीमारी को चुनौती के अलावा एक बाज़ार के रूप में भी देखा जाता है। बीमारियों की जांच करने वाली मशीन हो या फिर बीमारी को ख़त्म करने वाली दवाएं, इन सबका अरबों रुपये का कारोबार है। लेकिन सेहत से जुड़ी एक गलत जानकारी करोड़ों मरीज़ों की ज़िंदगी से खिलवाड़ कर सकती है।
World Heart Federation के मुताबिक
दुनियाभर में दिल की बीमारियों से हर वर्ष करीब 1 करोड़ 73 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में हर वर्ष दिल की बीमारियों से 24 लाख लोग मर जाते हैं।
भारत में 3 करोड़ लोग दिल की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
जिनमें से 1 करोड़ 40 लाख दिल के मरीज़ शहरी इलाकों में रहते हैं।
और 1 करोड़ 60 लाख लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं।
भारत में दिल के मरीज़ों की संख्या प्रतिवर्ष 25 से 30 फीसदी की दर से बढ़ रही है।