
यह पहली बार नहीं है कि बीयूआई का अकादमिक सत्र दूसरे कॉलेजों के पीछे चल रहा है, हर साल नए सत्र दूसरे कॉलेजों के साथ शुरू हो जाता है, लेकिन बीयू प्रबंधन की लापरवाही के कारण बीयूआई के सत्र में देरी हो रही है। संस्था के रजिस्ट्रार और निदेशक दोनों परीक्षाओं के प्रारंभ के समय के बारे में चुप हैं। इस स्थिति में 200+ छात्रों का भविष्य एक गंभीर स्थिति में है। दूसरे चौथे और छठे सत्र की परीक्षा भी देरी हो रही है और छात्रों को परीक्षा में देरी के कारण ऑफ़लाइन कैंपस में भर्ती में समस्याएं आ रही हैं।
स्टूडेंट्स का कहना है कि बीई की फैकल्टी लंबे समय से एक अजीब प्रकार की हड़ताल पर हैं। वो कॉलेज तो आते हैं पर क्लास में पढ़ाने के लिए नहीं आते। पूछने पर स्पष्ट रूप से कहते हैं कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा हम क्लास नहीं लेंगे। सवाल यह है कि यदि क्लास नहीं लेना तो कॉलेज ही क्यों आते हो। दूसरे कर्मचारियों की तरह प्रदर्शन करो, अपनी मांग रखो। हड़ताल पर चले जाओ। इस तरह एक समस्या के निदान के इंतजार में दूसरी समस्या पैदा क्यों करना।