नई दिल्ली। सिगरेट की लत न सिर्फ पीने वाले को, बल्कि स्मोकर्स के साथ खड़े रहने वाले लोगों को भी नुकसान पहुंचाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पैसिव स्मोकिंग के कारण करीब छह लाख लोग और तंबाकू सेवन की वजह से लगभग 60 लाख मौतें होती हैं। कई बार लोगों को लगता है कि सिगरेट छोड़ना उनके लिए आसान नहीं है, लेकिन अगर ठान लीजिए, तो यह इतना मुश्किल भी नहीं है।
होम्योपैथिक दवाओं की मदद से तम्बाकू की लत को दूर किया जा सकता है। तंबाकू की सूखी पत्तियां मुख्य रूप से सिगरेट, सिगार, तंबाकू पाइप में मुख्यरूप से धूम्रपान करने के लिए इस्तेमाल होती हैं। तंबाकू में एलिकॉइड निकोटीन होता है, जो एक उत्तेजक का काम करता है। होम्योपैथी दवाएं लोगों के निकोटिन लेने की तलब को कम करने में मदद करती हैं।
इसके साथ ही इन दवाओं से इच्छा शक्ति भी बढ़ती है। यह निकोटीन की तलब को कम करने और धूम्रपान की आदत को खत्म करने का एक स्वाभाविक तरीका मुहैया कराता है।
निकोटिन विड्रॉल के लक्षण
तंबाकू की तलब की प्रकृति हर व्यक्ति के लिहाज से भिन्न-भिन्न होती है। शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारक, इसे प्रेरित करते हैं, इसे बदल देती है या बढ़ाते हैं। हर व्यक्ति के लिए ये लक्षण पूरी तरह से अलग हो सकते हैं। तंबाकू छोड़ना स्वाभाविक रूप से कठिन हो सकता है। भावनात्मक ट्रिगर जैसे लालसा, मूड स्विंग और एंजाइटी निकोटिन विड्रॉल के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है।
होम्योपैथी इन भावनात्मक ट्रिगर को दूर करती है और धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाला यह सबसे सुरक्षित तरीका है। निकोटिन छोड़ने पर किसी व्यक्ति को डिप्रेशन, वजन बढ़ना, नींद अधिक लगना, सिर दर्द, निकोटिन की अधिक तलब लगना, घबराहट, गुस्सा आना, ध्यान में कठिनाई होना, हाथ और पैरों में जलन और गले में खराश जैसी समस्या हो सकती है।
ये दवाएं दी जाती हैं
होम्योपैथिक दवाएं बिना डॉक्टर से परामर्श के नहीं लेनी चाहिए। होम्योपैथिक दवाओं को दिन में दो से तीन बार लिया जा सकता है। जानते हैं किन होम्योपैथिक दवाओं को तम्बाकू छोडने के लिए दिया जाता है।
प्लांटोगो: निकोटिनिज्म के लिए ही प्लांटोगो को स्पेसिफाइड किया गया है। इसकी प्राकृतिक विविधता तंबाकू के प्रति घृणा पैदा करती है। जब रोगी अवसाद, नींद, कब्ज, आंखों में दर्द और दिमाग खराब होने जैसा महसूस करता है, तो यह संकेत होता है कि उसे अब इस दवा की जरूरत है।
तबाकम: जिन लोगों को मतली, उल्टी, अपच, हाइपर टेंशन, भ्रम और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएं आ रही हैं, उन्हें तंबाकम दिया जाता है। यह तंबाकू द्वारा शरीर में लाए गए विषाक्त पदार्थों को समाप्त करने में सहायता करता है। तंबाकू की तलब को दूर करने में इसका अधिक प्रभाव पड़ता है।
इग्नाटिया: यह तंबाकू की तलब के कारण होने वाली एंजाइटी को दूर करने में यह दवा असरदार होती है। अवसाद, सिरदर्द, सूखी खांसी, गर्दन और पीठ में दर्द, मूड स्विंग जैसे लक्षणों में यह दवा दी जाती है।