
इससे पहले राजधानी में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात तेज बारिश के कारण उपवास स्थल पर कई जगह अव्यवस्थाएं भी फैल गईं। हालांकि प्रशासन ने बारिश की आशंका के चलते यहां वाटरप्रूफ पंडाल लगाया था, लेकिन इसके बाद भी कई जगह कीचड़ और जलभराव जैसे हालात पैदा हो गए।
शनिवार को सारा दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान का उपवास ही देशभर की सुर्खियों में रहा। केवल राष्ट्रीय स्तर के नेताओं नहीं बल्कि विभिन्न प्रदेशों के मंत्रियों एवं दिग्गज नेताओं ने भी शिवराज सिंह के उपवास को लेकर प्रतिक्रियाएं दीं। सोशल मीडिया पर सीएम के उपवास का जमकर मखौल उड़ाया गया। कुल मिलाकर किसान आंदोलन के दौरान एक बार फिर शिवराज सिह और उनकी सरकार की चाल बिफल साबित हुई।
बताते चलें कि आंदोलन में शामिल किसान संगठनों एवं नेताओं में से एक भी अब तक सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने नहीं आया। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग को सभी आंदोलनकारी नेताओं से समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी परंतु वो निभा ही नहीं पाए। इधर कांग्रेस ने उपवास का जवाब देने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का 'सत्याग्रह' घोषित कर दिया है। उधर दिल्ली में किसानों की महापंचायत बुलाई गई है। आग बुझने के बजाए भड़क गई है।