
जावड़ेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं सुधार कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल डिग्री डिपोजिट्री के तहत कोई छात्र अपनी डिग्री हासिल कर सकता है और उसमें उस छात्र का आधार नंबर भी होगा तथा उसमें उसकी तस्वीर भी होगी और उसके कालेज का नाम भी होगा ताकि दिल्ली सरकार के एक मंत्री की तरह कोई फर्जी डिग्री हासिल न कर सके। उन्होंने कहा की हमने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाया है जिसमे 60 लाख पुस्तकें हैं और कोई छात्र मुफ्त में उन किताबों को पढ़ सकता हैं। उन्होंने एटीम की तरह एएलएम की र्चचा करते हुए कहा कि कोई छात्र अब मूक्स प्लेटफार्म के जरिये कभी भी कहीं भी पढ़ सकता है।
अभी 340 कोर्स उपलब्ध हैं और अगले साल दो हजार कोर्स मूक्स पर उपलब्ध होंगे। नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अब तक छात्रों के हास्टलों से 600 स्टार्ट अप शुरू किये गए हैं और 15 इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए गए। उन्होंने बताया कि शोध को बढ़ावा देने के लिए देश में पहली बार इं¨पट्र योजना शुरू की गयी और इसके तहत 1500 प्रस्ताव मिले जिनमे 300 प्रस्ताव चुने गए हैं और पीपीपी मॉडल के जरिये 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। (वार्ता)