
पुलिस ने सुबह से ही किसानों के प्रदर्शन की तैयारियां कर लीं थीं। सागर टोल नाका पर कैमरे लगाकर आने वाले किसानों की निगरानी की गई। सारे थाना प्रभारी और फोर्स मंडी में तैनात की गई। सिविल डे्स में मुंह पर कपड़ा बांधकर कुछ पुलिस कर्मी भीड़ में शामिल किए गए।

जबरन प्रवेश किया तो कलेक्टोेरेट का दरवाजा बंद
जैसे ही परिसर में किसानों ने प्रवेश किया, कांग्रेसियों ने भी उग्र नारेबाजी चालू कर दी और कलेक्टोरेट के मुख्यगेट से अंदर प्रवेश करने लगे, इस पर तुरंत पुलिस फोर्स ने दरवाजा बंद कर दिया और अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। जब आंदोलनकारी मंच पर पहुंच गए तो कलेक्टर चेंबर से बाहर ज्ञापन लेने अाए। उनकी सुरक्षा के लिए अलग से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घेरा बनाया गया। जो पहरे के साथ कलेक्टर को मंच तक लेकर गया।
यह थी नौ सूत्रीय मांगें
जहां पर किसान नेता गौरव पटेल ने उन्हें पहले नौ सूत्रीय ज्ञापन और मुख्यमंत्री का पुतला राज्यपाल के नाम सौंपा। जिसमें कर्ज, बिजली बिल माफ करने, मंडी एक लाख रुपए का नगद भुगतान करने, सीमांत किसानों को फेसिंग में सब्सिडी और मंदसौर कांड की जांच कमेटी से कराना शामिल था।