रमज़ान खान/दमोह। विपक्ष की आक्रामक भूमिका निभाने वाली जिला पंचायत उपाध्यक्ष रामबाई को बुधवार की सुबह देहात थाना पुलिस ने गऊपुरा क्षेत्र स्थित उनके निवास से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। मंदसौर घटनाक्रम के बाद बहुजन समाज पार्टी के बैनरतले विपक्षी भूमिका का निर्वहन करने के साथ पिछले कई दिनों से अरहर खरीदी केंद्र पर व्यापारियों की अरहर खरीदी जाने का विरोध कर रहीं थीं। इस दौरान मीडिया कर्मियों द्वारा पुराने मामले में फरारी के संबंध में पुलिस से पूछे जाने पर पुलिस दलील देती रही कि उनको जमानत मिल गई हैं। इसका मतलब यह था कि पुलिस किसान आंदोलन के समय गिरफ्तार कर कोई चूक नहीं कर रही थी और मीडिया को भी भ्रमित करती रही।
बुधवार की सुबह देहात थाना टीआई विजय मिश्रा भारी पुलिसबल लेकर आए और रामबाई को उनके घर से गिरफ्तार पहले हरिजन कल्याण थाना ले गए जहां से न्यायालय भेज दिया गया है। जिपं उपाध्यक्ष रामबाई पर नरसिंहगढ़ बिजली कंपनी के कनिष्ठ यंत्री नीलेश उइके ने 21 फरवरी 2017 को एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप थे कि शासकीय कार्य में बाधा डाली गई है, जान से मारने की धमकी देते हुए जातिगत अपमान किया गया है। जिस पर अजाक थाने में धारा 506 बी, 507, 297, 3(1) 10, 3(2) 5, एचसी, एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। तब से रामबाई पुलिस रिकॉर्ड में फरार थीं, लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहीं थीं।
बसपा जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि जिपं उपाध्यक्ष रामबाई ने बिजली कंपनी की भर्राशाही की आवाज जनता के लिए उठाई थी, जिस पर सुधार करने के बजाए फर्जी मामला लादा गया है। इसी समय गिरफ्तारी इसलिए की गई हैं क्योंकि उन्होंने अरहर खरीदी में चल रही भर्राशाही का पर्दाफाश किया था, जिससे अरहर खरीदी के गोलमाल में लिप्त प्रशासनिक अधिकारी, व्यापारी व भाजपा से जुड़े कद्दावर बौखला गए इसलिए आनन-फानन में गिरफ्तारी की गई है।