
वहीं सरकार द्वारा बेची जा रही ज्यादातर प्याज खराब हो चुकी है। मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों को भी खराब प्याज बेची जा रही है। ऐसे में बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने का खतरा है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि उचित मूल्य की दुकानों पर बेची जा रही प्याज व्यापारियों के माध्यम से वापस मंडियों में आ रही है।
सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इस वजह से शासन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। दिग्विजय ने आरोप लगाया कि सरकार प्याज की फसल का आकलन करने में असफल रही। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने जीएसटी का विरोध करने वाले व्यापारियों पर रासुका लगाने के फैसले को तानाशाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को गोलियों से भूना, अब व्यापारियों को रासुका की धमकी दी जा रही है। ये लोकतंत्र नहीं है।