
इस मामले में मजेदार यह है कि कांग्रेस विधायक ने 3 बार थाने में आग लगाने का आदेश दिया लेकिन किसान तो क्या उनके अपने समर्थकों तक ने उनकी बात नहीं मानी। थाने आग लगाना तो दूर, थाने पर एक पत्थर भी नहीं फैंका गया। तीसरे वीडियो में वो यहां तक कहती दिखाई दीं कि जो होगा देखा जाएगा। फिर भी किसी ने उनकी बात नहीं मानी। उल्टा एफआईआर दर्ज हो गई।
शकुंतला के अलावा कांग्रेस नेता और रतलाम जिला परिषद के उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ भी एक वीडियो में किसानों को हिंसा के लिए भड़काते दिख रहे थे। पुलिस ने इस संबंध में धाकड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। धाकड़ फिलहाल फरार हैं। इस वीडियो में धाकड़ किसानों से कह रहे हैं, 'अगर एक भी गाड़ी आ जाए, तो उनमें आग लगा देना.. हम देख लेंगे। कोई भी किंतु, परंतु, थाना-पुलिस कोई डरने की जरूरत नहीं है। कल तक मेरी गिरफ्तारी हो जाएगी, तो फिर ये आप सब लोगों की जवाबदारी है।
धाकड़ के इस भड़काऊ भाषण का नतीजा ये हुआ कि रतलाम के ढेलनपुर गांव में शनिवार को इनके समर्थकों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें पुलिस की भी तीन गाड़ियां शामिल थीं। इस दौरान हुए पथराव में दो पुलिसवाले भी घायल हुए थे।
बता दें कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों के उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिसमें छह किसानों की जान चली गई. इस फायरिंग में पांच किसानों की उसी दिन मौत हो गई, जबकि एक अन्य किसान ने शुक्रवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया.