GST: सुलग रहे हैं व्यापारी, कभी भी भड़क सकते हैं

इंदौर। प्रदेश में किसानों का आंदोलन अभी थमा नहीं है और व्यापारियों ने जीएसटी को लेकर विरोध की रणनीति बनाना शुरू कर दी है। शनिवार को शहर के करीब 50 व्यापारी संगठनों ने अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की अगुआई में बैठक कर जीएसटी की विसंगतियों पर जमकर नाराजगी जताई। सभी ने कहा जीएसटी छोटे-मंझोले व्यापारियों को खत्म ही कर देगा। विरोध पर सहमति बनी और 15 जून से इसकी शुरुआत का ऐलान भी कर दिया गया।

प्रीतमलाल दुआ सभागृह में हुई बैठक की शुरुआत इंडस्ट्री अध्यक्ष रमेश खंडेवाल और सुशील सुरेका ने करते हुए कहा व्यापारी जीएसटी के पक्षधर हैं लेकिन इसका मौजूदा स्वरूप मंजूर नहीं है। एक देश, एक कानून और सरल प्रणाली के उलट अब जो प्रावधान पेश किए गए हैं, वे व्यापार विरोधी हैं। ये छोटे-मंझोले कारोबारियों का धंधा भी चौपट कर देंगे। यह प्रावधान संदेश दे रहे हैं कि सरकार को व्यापारियों पर अविश्वास है। व्यापारियों को हर महीने कई बार रिटर्न दाखिल करना होंगे। महीने की 10 से 20 तारीख तक व्यापारी को सब काम छोड़कर सिर्फ रिटर्न ही जमा करना होगा। 

इल्वा मंत्री देवेंद्र कोठारी ने कहा एक्साइज पर दी जा रहा रिबेट 60 प्रतिशत है, वह हमें मंजूर नहीं। क्लॉथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के निर्मल सेठी ने कपड़े पर टैक्स लगाने का विरोध किया। सियागंज, छावनी और लक्ष्मीबाई मंडी के व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा अनाज को छूट के नाम पर धोखा किया गया है। मार्का लगाने पर अनाज और दालों पर भी टैक्स थोप दिया गया है। सभी संगठनों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 जून को राजवाड़ा से वाणिज्यिक कर आयुक्त कार्यालय तक रैली निकालकर ज्ञापन दिया जाएगा। मांगों पर विचार नहीं हुआ तो प्रदेश के सभी व्यापारिक संगठनों की बैठक इंदौर में आयोजित कर आगे आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।

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