नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि जीएसटी की शुरूआत तो काफी पहले हो गई थी लेकिन 10 साल तक गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका कड़ा विरोध करते रहे और इसलिए जीएसटी टल गया। आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी का विरोध नहीं कर रही परंतु संसद में मध्यरात्रि में बुलाए गए सम्मेलन का हम समर्थन नहीं कर सकते, क्योंकि यह सम्मेलन स्वतंत्रता के संग्राम का अपमान है। 1947 में जब देश को आजादी मिली थी तब ऐसा समारोह आयोजित किया गया था। जीएसटी के लिए ऐसे समारोह की जरूरत नहीं थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्वमंत्री जयराम रमेश ने कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विरोध के कारण जीएसटी को लागू होने में दस साल का विलंब हो गया। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति (मोदी) जिसने इसका दल साल विरोध किया वह इसकी महापैरवी कर रहा है। रमेश ने कहा कि यदि भाजपा का विरोध नहीं होता तो जीएसटी तीन साल पहले ही लागू हो चुका होता।
साल 1947 की 14-15 अगस्त की आधी रात को देश ने अंग्रेजों से आजादी हासिल की थी और संसद के केंद्रीय हॉल में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘नियति से साक्षात्कार’ का प्रसिद्ध भाषण दिया था।
कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की मध्य रात्रि में बुलायी गई संसद की विशेष बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘देश की भयावह सच्चाइयों की अनदेखी कर कांग्रेस इस तमाशे की भागीदार नहीं बन सकती।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के विरोध में नहीं है तथा यदि कांग्रेस इससे संबंधित संविधान संशोधन को समर्थन नहीं देती तो संसद में इसके पारित होने में मुश्किल आती है। शर्मा ने शुक्रवार को संसद में होने वाले समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और सरकार ‘हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन और उसमें दिए गये लोगों के बलिदानों का अपमान कर रही है।’