नई दिल्ली। इन दिनों नीतीश कुमार अपने साथी लालू प्रसाद यादव को बार बार चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। नेशनल पॉलिटिक्स के मामलों में नीतीश कुमार अक्सर लालू यादव से उल्टा फैसला ले रहे हैं। पहले नोटबंदी का समर्थन किया फिर विपक्षी दलों की बैठक में नहीं आए, मोदी की पार्टी में चले गए। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को समर्थन दे दिया और अब जबकि लालू प्रसाद समेत पूरा विपक्ष जीएसटी अधिवेशन का बहिष्कार कर रहा है, नीतीश कुमार सदन में विशेष रूप से उपस्थित रहने की तैयारी कर रहे हैं।
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि नीतीश कुमार खुद जीएसटी लॉन्च समारोह में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले जेडीयू ने समारोह में जाने का एलान किया था। उस वक्त कहा जा रहा था कि सिर्फ जेडीयू के सांसद ही इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो इसे विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जाएगा। कांग्रेस, आरजेडी और ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने जीएसटी कार्यक्रम का बायकॉट किया है।
उमा भारती से मधुर संबंध
जून के पहले सप्ताह में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंची थीं। मुलाकात के बाद उमा ने कहा कि नीतीश कुमार से हमारे बेहतर संबंध रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीम इंडिया की तरह काम करते हैं और नीतीश भी टीम इंडिया के मेंबर हैं। उमा के इस बयान से बिहार एनडीए के नेता काफी उत्साहित हैं।