वैसे तो पूरे वर्ष मे दो नवरात्रि होती है जिसे सभी लोग जोर शोर से मनाते है लेकिन इसके अलावा आषाढ़ और माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिन गुप्त नवरात्रि के रूप मे मनाए जाते हैं। चूंकि ये साधना गुप्त रूप से होती है इसलिये इसे गुप्त नवरात्रि कहते है। पहले दो नवरात्रि की तरह ही इसमें भी सभी नौ माता का एक एक दिन होता है। चूंकि ये साधना गुप्त रूप से होती है इसीलिये विशेष रूप से फलदायी होती है। तन्त्र साधकों के लिये ये साधना खास रूप से फलदायी होती है।
विद्यार्थी और व्यापारी वर्ग के लिये खास
पूरा संसार शक्ति के दम पर ही चल रहा है। बिना शक्ति के जीव शिव की जगह शव ही होता है जो जातक इन चार नवरात्रि मे व्रत उपवास द्वारा शक्ति का जागरण करते है वे जीवन मे चाहे कितनी वही अशुभ स्थिति मे हो उस पर विजय प्राप्त कर अच्छी स्थिति मे पहुंचते है। मां भगवती की शक्ति से ही समस्त ब्रम्हान्ड चलायमान है। जो भी व्यक्ति इस रहस्य को जानकर नौ दिन व्रत संयम और आहार संयम करता हैं वह व्यक्ति अपने आपको इन नौ दिन की साधना के प्रभाव से स्वयं को दिव्य शक्ति से चार्ज या शक्तिशाली पाता है। ऐसे व्यक्ति इन साधना के दम पर खुद पर विजय तो प्राप्त करते ही है साथ ही दुनिया पर भी विजय प्राप्त करते है। विद्यार्थी वर्ग तथा व्यापारी को अपने क्षेत्र मे दिमागी शक्ति का विशेष प्रयोग करना पड़ता है। सामान्य ग्रह योग वाले जातक शिक्षा और व्यापार की प्रतिस्पर्धा का सामना नही कर पाते फलस्वरूप समझौते या असफलता प्राप्त करते है लेकिन जो लोग भगवती की साधना करते है वे लोग शिक्षा व्यापार तथा जीवन के हर क्षेत्र मे सफल होते है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2017
इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 24 जून से 2 जुलाई तक रहेगी 3 जुलाई को नवरात्रि व्रत खोला जायेगा। जो भी व्यक्ति संयम व्रत द्वारा अपने जीवन को सफल बनाना चाहता है। उसे इन नौ दिन की साधना अवश्य करना चाहिये। जैसी आपकी सामर्थ्य हो वैसी साधना अवश्य करनी चाहिये कहते है की इन नौ दिन मे राम नाम का स्मरण जातक को अपार शक्ति देता है तथा इसे जपने के लिये किसी गुरु या विशेष अनुमति की आवश्यकता नही होती कलयुग मे भगवान शिव के आशीर्वाद से इसे सभी लोग जप सकते है तथा इसका प्रभाव अमोघ है।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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