
दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस मैच के लिए मैदानी अंपायरों के अलावा कोई भी थर्ड अंपायर था ही नहीं। इस वजह से इस फैसले को दोबारा जांचा नहीं जा सका। मैच की कॉमेंट्री कर रहे कॉमेंटेटर्स ने भी मैच के दौरान कहा, ‘इस निर्णय का फैसला करने के लिए सिर्फ मैदानी अंपायर क्रॉस मौजूद हैं, क्योंकि बैकअप के तौर पर हमारे पास टेलीविज़न अंपायर नहीं है।’
ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि अभी भी महिला क्रिकेट के सभी मैच टेलीविज़न पर प्रसारित नहीं हो रहे, और जिस भी महिला क्रिकेट मैच का प्रसारण टीवी पर नहीं होता उसमें थर्ड अंपायर नहीं रखने का फैसला लिया गया है। जो कि बेहद ही खराब निर्णय मालूम होता है। जो कई मौको पर क्रिकेट के मैच को प्रभावित कर सकता है।