
बैंक ऑफ बड़ौदा एम्लाइज को-ऑपरेटिव सोसायटी ने आयकर पर जागरुकता सेमिनार आयोजित किया था। कर कानून के नए प्रावधानों की जानकारी देते हुए सीए शर्मा ने कहा नियोक्ता से प्राप्त हर तरह का भुगतान कर योग्य होता है। सिर्फ निर्दिष्ट छूट को छोड़कर। विभाग के डीडीओ की यह जावबदारी होती है कि वो कर्मचारी को दिए जा रहे वेतन पर टैक्स काटे। नए प्रावधानों के मुताबिक एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज की छूट अब करदाता को मिल सकेगी।
भले ही यह लोन पति-पत्नी या आश्रित बच्चे या रिश्तेदारों की पढ़ाई के लिए लिया हो। सीए शर्मा ने बताया 1 अप्रैल से किराए पर दिए गए मकान पर चुकाए हाउसिंग लोन के ब्याज का लॉस सिर्फ दो लाख तक ही दूसरी इनकम से सेट ऑफ होगा। पहले ऐसी कोई सीमा नहीं थी। यानी किराए पर दी गई प्रॉपर्टी पर चुकाए गए ब्याज का अब ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा।