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इस बीच कथूरिया को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। सुरेंद्र कथूरिया ने इंदौर नगर निगम में अपर आयुक्त रहते हुए अपने हस्ताक्षर से हर माह करीब 64 लाख रुपए बेवजह ही शहर से कचरा उठाने का काम करने वाली एटूझेड कंपनी को दिए। कंपनी शहर से निकलने वाले कचरे की मात्रा को ज्यादा बताती थी लेकिन उसकी जांच करने के बजाए कथूरिया उसे सही ठहराकर उसका बिल पास कर देते थे।
5 लाख लेने से कर दिया था इंकार
डॉक्टर दम्पत्ति और कथूरिया से पूछताछ में लोकायुक्त पुलिस को पता चला है कि अस्पताल भवन तोड़ने के नोटिस के बाद डॉक्टर अग्रवाल पहली किश्त के रूप में पांच लाख रुपए कथूरिया के पास लेकर पहुंचे थे पर उन्होंने यह राशि लेने से मना करते हुए कम से कम 25 लाख रुपए पहली किस्त के रूप में देने को कहा था।