इंदौर। सास को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाली बहू के खिलाफ कोर्ट ने भादवि की धारा 306 के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए। बहू ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी प्रस्तुत किया, लेकिन कोर्ट ने अपराध को गंभीर मानते हुए राहत देने से इंकार कर दिया। मामला दिगंबर जैन बघेरवाल समाज की पूर्व अध्यक्ष इंदिरा शीतलकुमार जैन का है। 13 जुलाई 2013 को जहरीला पदार्थ खाने की वजह से उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने आत्महत्या मानकर जांच बंद कर दी।
इंदिरा की बेटी पल्लवी धनंजय गुंजाल ने मामले को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया। उन्होंने कोर्ट में बयान दिए कि अस्पताल ले जाते हुए उनकी मां ने उन्हें बताया था कि बहू इति पति सुनील जैन निवासी साधना नगर की वजह से उन्होंने जहर खाया है। वह उन्हें संपत्ति नाम पर करने को लेकर प्रताड़ित करती थी। पल्लवी ने अपनी बात के समर्थन में मां के पास से मिला सुसाइड नोट भी पेश किया। इस नोट की लिखावट की जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से भी कराई गई।
इसमें यह साबित हुआ कि सुसाइड नोट पर लिखावट इंदिरा की ही है। जिला कोर्ट ने तथ्यों और सबूतों के आधार पर इति के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। आरोपी इति ने बुधवार को सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी प्रस्तुत किया, जिसे सेशन जज बीएल प्रजापति ने खारिज कर दिया।