नई दिल्ली। किसी भी पिता की सबसे बड़ी चिंता होती है कि उसकी संतान का भविष्य क्या होगा। टाटा स्टील ने उसकी इस चिंता का समाधान निकाल दिया है। टाटा स्टील ने आॅफर दिया है कि कर्मचारी अपनी नौकरी बेटा, बेटी या दामाद को देकर रिटायरमेंट ले सकते हैं। इससे उनकी संतान की नौकरी की चिंता भी खत्म हो जाएगी और कंपनी उन्हे घर बैठे पेंशन भी देगी। इस प्रक्रिया को कंपनी ने 'जॉब फॉर जॉब योजना' नाम दिया है।
नौकरी के बदले नौकरी पाने वाले को कंपनी पहले प्रशिक्षण देगी, फिर नौकरी देगी। कर्मचारी का आश्रित आईटीआई किया है तो एक साल के प्रशिक्षण के बाद वह परीक्षा देने के बाद एनएस फोर की श्रेणी में ज्वाइन करेगा। आईटीआई नहीं है तो उसे एनएस 4 में ज्वाइन करने के लिए और एक साल प्रशिक्षण लेना होगा।
कंपनी को यह फायदा
55 साल की उम्र में कर्मचारी उतनी मेहनत नहीं कर सकते, जितना काम 25 से 30 साल के युवक कर सकते हैं। कर्मचारी व उसके परिवार का कंपनी से आत्मीय जुड़ाव होता है। कर्मचारी के पुत्र या पुत्री नौकरी करेंगे तो कंपनी से अधिक लगाव रहेगा।
ये हैं शर्तें
कम से कम दस साल नौकरी करने वाले को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
कम से कम 5 साल नौकरी बची होनी चाहिए। मेडिकल फिट नहीं होने पर जॉब फॉर जॉब में नहीं लिया जाएगा।
डिप्लोमा, आईटीआई और इंजीनियरिंग किया है तो एक साल की ट्रेनिंग लेने के बाद एन एस फोर में ज्वाइन करेगा।
डिप्लोमा, आईटीआई या इंजीनियरिंग नहीं किया है तो दो साल का प्रशिक्षण लेना होगा तभी एन एस फोर की श्रेणी में ज्वाइन करेगा।
जिस क्वार्टर में रह रहे हैं, नौकरी पाने वाले उनके बेटा, बेटी, बहू या दामाद के नाम पर आवंटित हो जाएगा।
अगर चाहे तो एक साल के प्रशिक्षण के बाद एन एस वन में योगदान देना होगा।
नौकरी छोड़ने के बाद पहले साल 6000 रुपए कंपनी की ओर से पेंशन मिलेगा। यह राशि हरेक साल 250 रुपए बढ़ जाएगी।
नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी को वर्तमान की तरह टीएमएच में मेडिकल सुविधा मिलती रहेगी।