भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि आज खलघाट में कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान महापंचायत वर्चोस्व की लड़ाई बनकर रह गयी। कांग्रेस के दिग्गज वर्चस्व की लड़ाई में कौन बाजी मारेगा इसी गुणा भाग में लगे हुए है। श्री कमलनाथ इंदौर, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल और श्री दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा करने की अनुमति मांगकर एकजुटता के बजाए प्रदेश में स्वयं की साख को बचाने में लगे है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अलग अलग गुटों में बंटकर किसानों के नाम पर अपना स्वयं का शक्ति प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि खलघाट में हिंसात्मक परिदृश्य को देखकर आम जनता कांग्रेस से आहत और व्यथित है। कांग्रेस इस स्तर तक गिर जायेगी यह किसी ने नहीं सोचा था। लोकतंत्र भारत की आत्मा है। भारतीय जनता पार्टी भी विपक्ष में रही किंतु हमारी भूमिका में रचनात्मक, सृजनात्मक और सकारात्मक विपक्ष का स्वरूप सदैव दिखता रहा। जिस प्रकार किसान आंदोलन के नाम पर कांग्रेस के नेता सरेआम हिंसा और दुष्प्रचार के माध्यम से अराजकता भड़काने का प्रयास किया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मंदसौर के किसान परिवारों के घर गाड़ियों के काफिले में पार्टी के झंडे लगाकर जाना क्या उचित है ? श्री सिंधिया गाड़ियों के काफिले के साथ किसान के घर दुख प्रकट करने नहीं अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकना उनका मकसद था। कांग्रेस आंदोलन आयोजित कर अपनी विफलता को छुपाने में सफल नहीं होगी। कांग्रेस की शह पर असामाजिक तत्वों ने प्रदेश में हिंसा फैलाकर किसानों को बदनाम किया।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के राजे रजवाड़े और उद्योगपति नेता किसान हितैषी बनकर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, लेकिन जनता इन्हें पहचान चुकी है। सिंधिया किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान असामाजिक तत्वों और कुछ कांग्रेस नेताओं ने अशांति फैलाने का काम किया, जिनके कारण जनहानि हुई। ऐसे लोगों का कृत्य निंदनीय है। श्री दिग्विजय सिंह, श्री कमलनाथ, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री अजय सिंह, श्री अरूण यादव किसानों की मौत पर सियासत कर अपनी जमीन तलाशने में लगे है।