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खबर के अनुसार मुरैना में पदस्थ लाइन मेन की मौत साल 2016 में हो गई थी। जिसकी पत्नी को पेंशन शुरु होनी थी। यह केस पेंशन शाखा में पदस्थ बाबू रामनरेश शर्मा के पास लम्बित था। इसे पास करने के लिए मृतक का बेटा मोनू श्रीवास पिछले 8 महीनों से दफ्तर के चक्कर काट रहा था। इस प्रकरण को निपटने के लिए 20 हज़ार की मांग की थी जो 10 हजार में बात तय हो गई।
इस बात की सूचना फरियादी ने लोकायुक्त को दी इसके बाद गुरूवार शाम लोकयुक्त निरीक्षक अतुल सिंह और उनकी टीम ने रिश्वतखोर बाबु को रँगे हाथो पकड़ लिया। चूंकी फरियादी के पिता की मौत ड्यूटी पर हुई थी इसलिए सरकार ने 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उनके परिवार की थी। जिसके 9 लाख उनको मिल गए थे शेष एक लाख रुपए देने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी।