
सूत्रों के मुताबिक एक-एक कर कई राज्यों में विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू हो गया है। मार्च 2017 से छत्तीसगढ़ में भी प्रश्नकाल का सीधा प्रसारण होने लगा है। इसे देखते हुए प्रदेश में भी सदन की कार्यवाही का प्रसारण करने की व्यवस्था लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
पिछले सप्ताह प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें विभिन्न् राज्यों से बुलवाई जानकारियों की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि कुछ राज्यों में दूरदर्शन तो कुछ में निजी चैनलों के माध्यम से सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हो रहा है। बिहार में टेंडर कर सीधा प्रसारण करवाया जाता है तो महाराष्ट्र में एक चैनल को काम सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ में दूरदर्शन सीधा प्रसारण करता है।
वरिष्ठ नेताओं से मंत्रणा
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि सदन की कार्यवाही का अन्य राज्यों की तरह सीधा प्रसारण करने की तैयारी चल रही है। कुछ राज्यों से आई जानकारियों का अध्ययन किया गया है। बाकी राज्यों को जानकारी भेजने स्मरण पत्र भेजे गए हैं।
राज्यों में अलग-अलग तरह की प्रणालियां अपनाई जा रही हैं। कहीं टेंडर के माध्यम से काम कराया जा रहा है तो कहीं दूरदर्शन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी प्रणालियों का विश्लेषण कर अध्यक्ष की अनुमति से सामान्य प्रयोजन समिति के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। वरिष्ठ नेताओं से भी मंत्रणा की जाएगी।
मिलेंगे संपादित अंश
सूत्रों का कहना है कि विधायकों को उनकी मांग पर कार्यवाही में जब वे हिस्सा लेते हैं, उस समय के संपादित अंश का वीडियो मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें विधानसभा सचिवालय में आवेदन देना होगा।