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अमरजीत सिंह भल्ला को भाजपा ज्वाइन करने के कुछ समय बाद ही आयोग का सदस्य मनोनीत किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। राज्य की राजनीति में डॉ. भल्ला को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का समर्थक माना जाता है। वे ग्वालियर के एक निजी अस्पताल के संचालक हैं।
यह है मामला
छत्तीसगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और शराब कारोबारी पप्पू भाटिया के चार राज्यों के 24 ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने 24 मई को छापे मारे थे। उस वक्त डॉ. भल्ला के भाटिया से कारोबारी रिश्ते की बात सामने आई थी। इसके चलते विभाग की एक टीम ने भल्ला के ग्वालियर स्थित बसंत विहार के अस्पताल और डीपीएस स्कूल में भी सर्वे किया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार भल्ला और भाटिया के बीच हुए लेन-देन जांच के दायरे में हैं। इस बारे में डॉ. भल्ला से पूछताछ भी हो चुकी है।
डॉ. अमरजीत सिंह भल्ला ने इस मामले में पहले तो यह कहा कि उन्हे आयकर विभाग से क्लीन चिट मिल गई है लेकिन जब उन्हे बताया गया कि ऐसा आयकर विभाग नहीं कहता तो भल्ला बोले कि वो जांच के लिए बुला सकते हैं। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। भल्ला ने बताया कि रायपुर के पप्पू भाटिया हमारे प्रोजेक्ट में कुछ कारणों से एडिशनल डायरेक्टर बने थे। इसकी वजह फाइनेंशियल स्ट्रेंथ थी। वे बाद में हट गए, लेकिन कागजों में डॉयरेक्टर बने हुए है।