
उन्होंने इस संबंध में आईएफएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि मंत्री का सार्वजनिक कार्यक्रम में एक प्रशासनिक अधिकारी को इस तरह से संबोधित करना अपमानजनक है। उन्होंने एसोसिएशन से अपने आवेदन पर उचित कार्यवाही करने को कहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने विधानसभा क्षेत्र रहली के गांव मोहली में आयाजित एक सभा में ग्रामीणों पर वनकर्मियों द्वारा की जा रही कार्यवाही को अनुचित बताते हुए आईएफएस अधिकारी को बाई कह दिया था। यह जानकारी बासु कनौजिया को मिलने के बाद उन्होंने इस संबंध में आईएफएस एसोसिएशन को लिखित में शिकायत की है।
यह है पूरा मामला
26 मई को मंत्री गोपाल भार्गव ने नौरादेही अभ्यारण्य में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि ग्रामीण अपनी आजीविका चलाने के लिए जंगलों से चिरौंजी, महुआ और अन्य वनोपज लाते हैं। उन पर रेंजर और अन्य अधिकारी अत्याचार करते हैं। ऐसे अधिकारी का हाथ तोड़कर दूसरे हाथ में दे देंगे। गरीबों को भूखे रहने नहीं दिया जाएगा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बासु कनौजिया को बाई कहते हुए कहा कि बाई तुम नाराज जल्दी हो जाती हो। इसके बाद वनकर्मियों और अधिकारियों ने डीएफओ बासु कनौजिया को शिकायत की थी कि मंत्री गोपाल भार्गव ने ग्रामीणों को उकसा दिया है। मंत्री के हाथ-पैर तोड़ने वाले बयान के बाद वे वन अमले को धमका रहे हैं। इन परिस्थितियों के चलते हम काम नहीं कर सकते। बासु कनौजिया ने वन अधिकारियों-कर्मचारियों की यह शिकायत उचित कार्यवाही के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी के पास भेज दी है।
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में वरिष्ठ मंत्री ने मुझे बाई कहकर संबोधित किया था। इसकी जानकारी मिलने पर मैंने आईएफएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर अवगत कराया है। प्रशासनिक अधिकारी के लिए इस तरह का अपमानजनक संबोधन ठीक नहीं है। दूसरी ओर मंत्री के एक कार्यक्रम में दिए गए बयान के बाद वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने लिखित में काम में आ रही दिक्कतों को लेकर शिकायत की है। यह शिकायत मैंने वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दी है। जंगलों की सुरक्षा हमारा काम है और यह हर हाल में की जाएगी।