जबलपुर। कृषि मंत्री ने प्याज के दाम सही नहीं मिलने पर कहा कि कम प्याज होती तो हल्ला। ज्यादा हो गई तो परेशानी। बंपर पैदावार हुई तो इसमें हम क्या करें। उन्होंने कहा कि हम तो प्याज के जले लोग हैं। पिछली सरकार प्याज ने गिराई। इसलिए पिछले साल किसानों से 6 रुपए किलो प्याज ली। खरीद और रखने में 103 करोड़ खर्च हुए। सिर्फ 2 करोड़ की प्याज बिकी। काफी नुकसान हुआ। इस बार भी 8 रुपए किलो खरीदी की। राशन दुकानों में हम प्याज नहीं भेजना चाहते, लागत नहीं निकल रही, लेकिन किसानों को नुकसान से बचाने घाटा सह रहे। प्याज विदेशों में सप्लाई करने की योजना है। सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने मंदसौर की घटना के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हंगामे के दौरान काउंटर हुआ। घटना संघर्ष का परिणाम थी।
कर्ज माफी से ईमानदार किसान होंगे दुखी
मप्र में किसानों का कर्ज नहीं माफ होगा। कृषि मंत्री के अनुसार ऐसा करने से ईमानदारी से कर्ज चुकाने वाले किसान दुखी होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही जीरो फीसदी ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही है। फिर जो किसान मूल रकम वापस करते हैं उन्हें दुख होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 25 हजार करोड़ रुपए किसानों पर कर्ज है। इसमें 20 हजार करोड़ रुपए का किसान नियमित लेनदेन कर रहा है।
कांग्रेस की सरकार में किसानों के घर के सामान तक नीलाम हुए
किसानों की आत्महत्या के सवाल पर कहा कि मीडिया इन दिनों किसान आंदोलन पर फोकस कर रहा है जबकि प्रदेश में दूसरे मामले भी हैं। हर मौत को आत्महत्या कहना सही नहीं है। बालाघाट में भी किसान की मौत कर्ज की वजह से नहीं हुई। वह भाजपा कार्यकर्ता था। उसके परिजनों को आंदोलन के लिए कांग्रेसी उकसा रहे थे। बिसेन ने कहा कि पिछले 13 साल में एक भी किसान की जमीन सरकार ने कर्ज की वजह से नीलाम नहीं की। वसूली में सख्ती नहीं हुई। कांग्रेस के राज में जरूर किसानों के घर का सामान तक नीलाम हो जाता था।
भोपाल से लौटे मंत्री बिसेन सांसद विवाद पर बोले-नो कमेंट
भाजपा संगठन के सामने पेशी करके लौटे कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने सांसद से विवाद मामले में चुप्पी साध ली है। शुक्रवार की शाम वे जबलपुर पहुंचे। सांसद बोधसिंह से विवाद पर संगठन से हुई चर्चा पर सवाल पूछा तो कहा नो कमेंट..। वहीं, मंडी में खरीदी और मंदसौर में गोलीकांड को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने किसानों की आत्महत्या पर गोलीकांड की तरह ही एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की कांग्रेस नेताओं की मांग को गलत करार दिया। साफ कहा दोनों घटना अलग है। किसानों की मौत प्रशासन की चूक है। आत्महत्या में कोई चूक नहीं।