
चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन ने शनिवार को अस्पताल के दौरे के समय एक मरीज टीकाराम पाल की गंभीर स्थिति देख उसके बेटे सुरेंद्र की फरियाद पर अधिकारियों को मुफ्त की बात कही थी। सुरेंद्र ने बताया मंत्री के आश्वासन के बावजूद इलाज के दौरान 2500 रुपए की जांच के साथ दवाइयों के रुपए ले लिए।
पिता की एमआरआई कराने के लिए डॉक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था। उनकी तीसरे नंबर पर एमआरआई होना थी, लेकिन इस दौरान बीच में चार अन्य की भी एमआरआई कर दी। बाद में वे पहुंचे तो अधिक देरी होने पर पिता को होश आ गया। यह देख उन्हें बाहर निकाल दिया गया और फिर से बेहोशी का इंजेक्शन लगवाकर लाने के बाद ही एमआरआई करने की बात कही।
शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे
अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। जानकारी मिलेगी तो जांच की जाएगी, उसके बाद कार्रवाई करेंगे।
वीएस पाल, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल