नज़र दोष के लक्षणों में सबसे प्रमुख है चिडचिडा स्वभाव होना। इसके अलावा मन में कुंठाओ का पैदा होना, शारीरिक, मानसिक शक्ति का कम हो जाना, आलस्य पैदा होना, स्मरण शक्ति का कम हो जाना, जिम्मेदारियों का अहसास न होना इत्यादि प्रमुख हैं। मुख्य रूप से नज़र व्यक्ति के गुणों को छुपा देती है। व्यक्ति अपने सामान्य व्यवहार और कार्य क्षमता को भूलने लग जाता है उसके गुण छिप जाते है या उसे दिखाई नहीं देते और वो लक्ष्य भूल जाता है। नज़र व्यक्ति के आँखों के सामने एक धुंद का निर्माण करती है जिसमे व्यक्ति के गुण खो जाते है। ये ख़ास तौर से उन लोगों द्वारा लगती है जिनमे जलन, इर्षा, का भाव रहता है। ये वे लोग होते है जो खुद के सुखो को भूल दुसरे व्यक्ति के सुखो पर ध्यान देते है।
बच्चों को नज़र दोष के उपाय
सरसों के तेल में रुई की बत्ती को भिगो कर रख ले। एक संडासी /चिमटा, माचिस, मग (छोटा पात्र) जल भरकर सभी चीजो को साथ में रख ले। बच्चे को सामने बिठा कर घडी की विपरीत दिशा में सात, ग्यारह या इक्कीस बार घुमा कर संडासी की सहायता से पकड़ कर जला दे। ध्यान रहे जलने पर बत्ती से तेल निचे रखे पात्र में ही गिरे। बत्ती पूरी जल जाने पर पानी बाहर फ़ेंक दे।
सात लाल मिर्च, एक चम्मच राई, एक कागज़ में रख कर (7 / 11/ 21 ) बार उसार कर गैस पर रख जला दे। गैस के नीचे एक बड़ा कागज़ पहले से ही रख दे ताकि जब कागज जलने के बाद राख उसमे आ गिरे। राख को इकट्ठा कर नीचे वाले कागज में समेत कर बाहर फेक दे।
वयस्क व्यक्ति को नजरदोष से कैसे बचाएं
यदि नज़र किसी बड़े व्यक्ति को लगी हो तो राई, नमक, प्याज़ के छिलके, सूखी लाल मिर्च लें। फिर लकड़ी के कोयले या छाना (गाय के गोबर सूखा हुआ) दोनों में से कोई भी ले कर पहले जला ले जब ये अंगारे का रूप ले तो बाकी चीजे इसमें डाल कर नज़र लगे व्यक्ति पर से उसार कर अंगारे समेत बाहर फ़ेंक दे। यदि नजरदोष है तो पीड़ित को मिर्च जलने की धंस नहीं आएगी। यह प्रयोग रात्रि के समय करें। इसके बाद पीड़ित व्यक्ति 2 लोंग लेवे अपने ऊपर से 11 बार उसार कर चोराहे पर फ़ेंक दे और पीछे मुड़कर ना देखे। सात दिनों तक लगातार ये उपाय करे।
वयस्क व्यक्ति को नजरदोष से बचाने का दूसरा उपाय
एक लोटे में पानी लेकर उसमें नमक, खड़ी लाल मिर्च डालकर आठ बार उतारे। फिर थाली में दो आकृतियाँ- एक काजल से, दूसरी कुमकुम से बनाए। लोटे का पानी थाली में डाल दें। एक लम्बी काली या लाल रंग की बिन्दी लेकर उसे तेल में भिगोकर ‘नजर’ वाले पर उतार कर उसका एक कोना चिमटे या सँडसी से पकड़ कर नीचे से जला दें। उसे थाली के बीचो-बीच ऊपर रखें। गरम-गरम काला तेल पानी वाली थाली में गिरेगा। यदि नजर लगी होगी तो, छन-छन आवाज आएगी, अन्यथा नहीं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपाय
शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर नजर लगे हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम होता है।
कई बार हम देखते हैं, भोजन में नजर लग जाती है। तब तैयार भोजन में से थोड़ा-थोड़ा एक पत्ते पर लेकर उस पर गुलाब छिड़ककर रास्ते में रख दे। फिर बाद में सभी खाना खाएं। नजर उतर जाएगी।
नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाए। नजर लगा हुआ व्यक्ति इष्ट देव का नाम लेकर पान खाए। बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाएगा।
खाने के समय भी किसी व्यक्ति को नजर लग जाती है। ऐसे समय इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होता है।
बद्दुआ की ही एक शाखा का नाम है नज़र दोष
ऐसा देखा गया है कि हरा भरा पेड़, फलता फूलता परिवार ल लाभ देता हुआ व्यापार, सुंदर बच्चा, या कोई विशेष वस्तु को अक्सर नज़र दोष लग जाता है और देखते ही देखते सब तहस नहस हो जाता है। जब भी कुछ नया या जरुरी काम करते है तो लोगो को भोजन व् उपहार देते है ताकि कोई बुरी ताकत उस काम में विघन न डाल सके। कई तरह के उपाए किये जाते है जेसे नज़र बट्टू, नीबू मिर्ची, काला धागा, काला टीका, नज़र दोष निवारक यन्त्र, नमक की डेली, राई के दाने, रुई की बत्ती, लोग तो मंदिर व् मजारो में झाडा भी लगवाते है।