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भारत की जेलों में बंद कैदियों की डीटेल्स ONLINE होंगी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) को जेल में कैद बंदियों को कानूनी सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है। आज 28 जून, 2017 को भारतीय विधि संस्थान में आयोजित सम्मेलन में एनएएलएसए ने जेल बंदियों को निशुल्क कानूनी सेवाएं देने के लिए वेब एप्लीकेशन लांच और एनआईसी के माध्यम से विकसित कानूनी सेवा प्रबंधन प्रणाली लांच किया। वेब एप्लीकेशन के माध्यम से राज्य कानूनी सेवा प्राधिकार तथा जिला कानूनी सेवा प्राधिकार अपने–अपने क्षेत्राधिकार के जेलों में प्रत्येक बंदी के लिए डाटा भरेंगे ताकि अदालत में वकील के जरिये उनका प्रतिनिधित्व किया जा सके। 

यह साफ्टवेयर अपनी रिपोर्ट में कैदियों की कुल संख्या, बिना वकील वाले कैदियों की कुल संख्या, कानूनी सेवा अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए बंदियों की संख्या और अपने निजी वकीलों द्वारा प्रतिनिधित्व कैदियों की संख्या का पता लग जायेगा।

सभी सूचनाएं राज्यवार, जिलेवार, और प्रत्येक जेल के संबंध में उपलब्ध होंगी। रिपोर्ट में कैदी के बंद रहने की अवधि की जानकारी मिलेगी और इससे यह सूचना प्राप्त होगी कि अपराध प्रक्रिया संहिता के सेक्शन 436 (ए) के तहत बंदी जमानत का पात्र है या नहीं।

यह वेब एप्लीकेशन कानूनी सेवा प्रणाली को और पारदर्शी बनाएगा और कहीं से भी सभी सक्षम पदाधिकारी कैदियों को दी जाने वाली कानूनी सहायता की अनुमति पर नजर रख सकेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अदालत में पेशी के पहले दिन से सभी बंदियों का प्रतिनिधित्व प्राप्त है।

वेब एप्लीकेशन उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश और एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा ने लांच किया। इस अवसर पर 18 राज्यों के कानूनी सेवा प्राधिकार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सदस्य सचिव शामिल हुए। वेब एप्लीकेशन लांच होने के बाद एनआईसीपीटी ने ओरियेंटेशन सत्र का आयोजन किया। 

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