नई दिल्ली। बीमा कंपनी दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ वादाखिलाफी की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ से आ रहा है। यहां कंपनी ने बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद क्लैम देने से इंकार कर दिया क्योंकि उसकी मौत सांप के काटने से हुई थी। उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को फटकार लगाते हुए क्लैम अदा करने का आदेश दिया है।
छातागढ़ स्थित श्रीकृष्ण गोशाला जीव रक्षा केन्द्र ग्राम मोहलई की ओर से जीव रक्षा केन्द्र में काम करने वाले कर्मचारियों का दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से सामूहिक बीमा कराया गया था। गोशाला प्रबंधन ने यह बीमा नागरिक सुरक्षा ग्रुप पॉलिसी शेड्यूल के प्रावधान मुताबिक कराया था। इस सामूहिक बीमा में गोशाला के कर्मचारी टुमनपाल उर्फ टोमन पाल और उसकी पत्नी पद्ममिनी पाल का नाम भी था। तीन जनवरी 2013 को पाल का सांप काटने से मौत हो गई। बीमा पॉलिसी की अवधि चार मार्च से 2013 से तीन मार्च 2014 तक थी।
बीमा शर्तों के मुताबिक उक्त पॉलिसी के अतंर्गत टोमन को दो लाख रुपए का बीमा कवरेज मृत्यु के बाद मिलना था, लेकिन बीमा कंपनी ने भुगतान से मना कर दिया। कंपनी ने फोरम के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि मृत्यु का कारण केवल सांप काटने से हुई है इसका कही भी उल्लेख नहीं किया गया है।
इसके बाद टोमन के जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद पेश किया। मामले में सुनवाई करते हुए फोरम ने बीमा कंपनी के खिलाफ पारित आदेश में परिवादी को बीमा धारक के नामिनी को बीमा की राशि एक लाख 60 हजार रुपए अदा करने तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 50 हजार रुपए व वाद व्यय के रूप में पांच हजार रुपए का भुगतान अलग से करने कहा है।